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लखीमपुर में मनायी गयी देशभक्त तरुण राम फुकान की पुण्यतिथि

 


ओमप्रकाश तिवारी व राजेश राठी

आज के इस दिन को प्रतिवर्ष देशभक्ति दिवस के रूप में मनाने की असम सरकार की घोषणा

लखीमपुर। लखीमपुर के जिला जनसंपर्क कार्यालय में आज देशभक्त तरुण राम फुकान की पुण्यतिथि को देशभक्ति दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जिला जनसंपर्क कार्यालय में जिला उपायुक्त सुमित सतावन की अध्यक्षता में एक सभा आयोजित की गई थी। उक्त सभा का शुभारंभ जिला उपायुक्त सुमित सतावन ने देशभक्त तरुण राम फुकान की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात की। उसके पश्चात जनसंपर्क अधिकारियों की ओर से जिला उपायुक्त सुमित सतावन, लखीमपुर जिला मुक्तिजोद्धा के सचिव गणेश दत्ता, जिला मुक्तिजोद्धा सम्मेलन के सह सचिव दिलीप रॉय, जिला जेष्ठ नागरिक संस्था के सचिव थानेश्वर गोगोई, लखीमपुर प्रेस क्लब के सचिव करुणा कृष्ण नाथ, जाफा के अध्यक्ष कुखल सैईकिया और पेंशन प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र कुमार पांडे को असम की संस्कृति के अनुसार असमिया गमछा पहनाकर उनका अभिनंदन किया गया। जिला उपायुक्त व अन्य आमंत्रित अतिथियों ने सभा को संबोधित करते हुए देशभक्त तरुण राम फुकान की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वर्गीय फूकन एक ऐसे जुझारू देशभक्त थे जिनकी रग रग में देशभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई थी। उन्होंने जब यह एहसास किया था कि देश को उनकी जरूरत है तभी उन्होंने अपनी बैरिस्टर जैसी ऐश और आराम की जिंदगी का त्याग कर दिया और अपना संपूर्ण जीवन देश की सेवा में लगा दिया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी के रूप में महात्मा गांधी के असम में आवागमन के समय अपना पूरा समय गांधी जी के साथ बिताया तथा अपने आप को  देश की आजादी के लिए किए गए आंदोलनों में एक सेनानी के रूप में पूरी तरह झोंक दिया। इतना ही नहीं वह अपनी अटल देश भक्ति के कारण अंग्रेजी हुकूमत के आगे  कभी भी अपने घुटने नही टेके। तरुण राम फुकान असम के एक प्रमुख नेता एवं एक ऐसे भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिनको असम में "देशभक्त" के नाम से सम्मानित भी किया गया। भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए उनका बहुमूल्य योगदान रहा तथा वह महिलाओं की समानता के सदा पक्षधर रहे हैं। सामाजिक सौहार्द के समर्थक, अस्पृश्यता के विरोधी और महिलाओं की समानता के पक्षधर देशभक्त तरुण राम फुकान का 28 जुलाई 1939 को निधन हो गया था। आज उनकी पुण्यतिथि के पावन अवसर पर सभी देशभक्त जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देखकर शहीद होने वाले वीर स्वतंत्र सेनानियों को स्मरण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए असम सरकार ने आज के इस दिन को प्रत्येक वर्ष देशभक्ति दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की है। सरकार द्वारा आज के इस दिन को देशभक्ति दिवस के रूप में मना कर देशभक्तों को सम्मान दिया गया है उसके लिए लखीमपुर जिला उपायुक्त व अन्य आमंत्रित अतिथियों ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि असम सरकार ने आज ऐसा महान कार्य कर देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पण की है। असम के जातीय गीत "ओ मुर अपुनार देश" गाकर उक्त सभा का समापन किया। उक्त कार्यक्रम का मंच संचालन लखीमपुर जनसंपर्क अधिकारी मंदिरा साहैंगीया ने किया। सभा की समाप्ति के पश्चात जिला जनसंपर्क अधिकारी जिले के सभी स्वतंत्रता सेनानियों को उनके घरों में जाकर उन्हें असम की परंपरा के अनुसार असमिया गमछा पहनाकर उनका अभिनंदन करने के पश्चात उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया।

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