अमित नागोरी
गोलाघाट। गोलाघाट जिला उपायुक्त कार्यालय के बैठक कक्ष में बीते कल जिला कच्ची चाय मूल्य निरक्षण समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिला उपायुक्त एवं जिला कच्ची चाय मूल्य निरीक्षण समिति के अध्यक्ष मृगेश नारायण बरुआ एवं समिति के समस्त सदस्यों की उपस्थिति में क़ई निर्णय लिये गये।
तदनुसार जिले के चाय फैक्टरियों में 1 अगस्त तक 40% मानक 'फाइन लीफ' स्वीकार करेंगे और कच्चे पत्ते की कीमत कम से कम 20 रुपये प्रति किलो तय की जाएगी। वहीं 2 अगस्त से फैक्ट्रियो में 50 फीसदी से कम मानक 'फाइन लीफ' स्वीकार नहीं कर पाएंगे। ऐसे पत्तों की कीमत 23 रुपये प्रति किलो तय की जाएगी।
जिले में कच्ची चाय की पत्तियों की घटती गुणवत्ता को देखते हुए रात 8 बजे के बाद कारखानों में कच्ची चाय की पत्तियों का आयात बंद करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार फैक्ट्रियों द्वारा कच्ची चाय पत्तियों के दामों में बार-बार परिवर्तन नहीं किया जायेगा।
एक बार तय की गई कीमत कम से कम एक हफ्ते के लिए वैध रहेगी। एक बार वर्जित किये गए कच्चे पत्ते किसी भी फैक्ट्री द्वारा स्वीकार नहीं की जाएगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोई भी फैक्ट्री न्यूनतम मूल्य पर निम्न गुणवत्ता वाला कच्चे चाय पत्ती स्वीकार नहीं करेगी। कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता बिना किसी बाधा के अपना काम कर सकें, इसके लिए जिला परिवहन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक के परामर्श से जिला प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया ।
इसके साथ ही आवश्यक रूप से कच्चे माल की गुणवत्ता और कीमत की निगरानी के लिए जुलाई के अगले कुछ दिनों और अगस्त के आने वाले महीने में मोबाइल निरीक्षण दल फिर से चालू हो जाएगा।
समिति में जिला प्रशासन, चाय बोर्ड, बीएलएफ और लघु चाय किसान संघ के प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा । बैठक में निर्णय लिया गया कि चाय बोर्ड छोटे चाय किसानों को विज्ञान पद्धति के माध्यम से जागरूक करेगा। नियमित जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशाला आदि का आयोजन किया जाएगा।
इसके अलावा फैक्ट्रियों में केवल हाथ से तोड़ी हुई पत्तियां ग्रहण की जाएगी उठाई गई चिनचिला ही स्वीकार की जाएगी। कच्ची पत्तियों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पत्तों को कैंची या कटारी से कांटने पर स्वीकार नही किया जाएगा ।
बैठक के दौरान जिला उपायुक्त एवं जिला कच्ची चाय मूल्य निरक्षण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि हर साल कच्ची चाय के दामों पर संकट आती है, हालांकि इस बार समस्या और गंभीर हो गयी है ।
उन्होंने इस समस्या का एक व्यावहारिक समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में शामिल समिति के अन्य सदस्यों ने कच्चे पत्ते ढोने वाले वाहनों पर अधिक लोगों और अधिक भार ढोने के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की ।
बैठक में पिछले कुछ वर्षों में कच्चे पत्तों की घटती गुणवत्ता पर भी चर्चा हुई। बैठक में सभी ने यह विचार व्यक्त किया कि असम में चाय की गुणवत्ता पूरी दुनिया में जानी जाती है। उत्पादन लागत बढ़ने के कारण यह उद्योग समस्याओं का सामना कर रहा है। सी सी टी चाय के निर्यात में गिरावट के अलावा, उत्पादन में वृद्धि , मांग में गिरावट के साथ कच्चे पत्तों की कीमत में वृद्धि के कारणों के सम्बंध में सभी ने अपने विचार प्रकट किए ।
बैठक में जिला उन्नयन आयुक्त अरपा बगलरी , टी बोर्ड के चाय उन्नयन सहयोगी संचालक तथा समिति के सचिव एस राजवंशी , लघु चाय खेतिहर परिषद के साधरण सचिव डी फुकन , अखिल असम चाय खेतिहर संस्था के राजीव गोहाई , रणजीत सैकिया , नेटा के पूर्व अध्यक्ष नेपुल सैकिया के अलावा अन्यान्य पदाधिकारी उपस्थित थे ।
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