गुवाहाटी। अखिल असम छात्र संघ (आसू) ने केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा नगालैंड के ओटिंग गांव में स्थानीय नागरिकों पर की गयी गोलीबारी के विरोध में गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र संघ ने पूर्वोत्तर से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को निरस्त करने की मांग की।
गुवाहाटी के दिघलीपुखरी के किनारे आयोजित विरोध कार्यक्रम में भाग लेते हुए आसू के सलाहकार डॉ. समुज्ज्ल कुमार भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार से अफस्पा को निरस्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की दोबारा कोई घटना न हो। साथ ही हर हाल में अफस्पा को रद्द किया जाना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नगालैंड के साथ-साथ पूरे पूर्वोत्तर के लोगों को न्याय मिलना चाहिए। भौगोलिक रूप से हालांकि हम सात राज्य हैं लेकिन हम दिल से एक हैं।
विरोध कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों ने जमकर नारेबाजी की। छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि अफस्पा के कारण सेना को निर्दोष लोगों को मारने का मौका मिलता है। छात्र नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार को यह सोचना होगा कि कोलकाता के बाद भी देश का एक और हिस्सा है और वह हिस्सा पूर्वोत्तर है।
उल्लेखनीय है कि नगालैंड की घटना के बाद से ही पूर्वोत्तर में अफस्पा को हटाने की मांग जोरशोर से उठने लगी है। घटना के बाद ही नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस मुद्दे को उठाते हुए अपनी कैबिनेट से भी इसको लेकर एक प्रस्ताव पारित किया। वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री और उनकी बहन (लोकसभा की सांसद) अगाथा संगमा ने भी अफस्पा को हटाने को लेकर आवाज उठा चुकी हैं। असम में भी अनेकों संगठनों ने इस संबंध में मांग उठायी है। (हि.स.)
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