2019-20 वर्ष के सर्वेक्षण रिपोर्ट में असम में प्रत्यक्ष बिक्री के जरिए 771.60 करोड़ रुपए की बिक्री
गुवाहाटी। भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री संघ यानी इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) के सौजन्य से आज यहां नेडफि सेंटर में आयोजित 'दि नाॅर्थ ईस्ट डायरेक्ट सेलिंग एक्सपो' में असम के पाॅलिसी लागू कर्ता, प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के नेतृत्व और इस क्षेत्र के पूर्वोत्तर खासकर असम के शीर्ष प्रत्यक्ष विक्रेताओं का समागम हुआ। मालूम हो कि पूर्वोत्तर प्रत्यक्ष बिक्री एक्सपो-2021, देश के भीतर ही एक अनूठी प्रदर्शनी है जहाँ आईडीएसए और इससे जुड़ी कंपनियों की पूर्वोत्तर में महत्व और इससे जुड़ी संभावनाएं और सुविधाओं का प्रदर्शन होता है। आज के इस प्रदर्शनी के साथ आयोजित विशेष संगोष्ठी के बीच ही आईडीएसए की 2019-20 का वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी जारी की गई।
इस उद्योग के वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार पूर्वोत्तर में उद्योग ने 2019-20 वित्तीय वर्ष में 1621 करोड़ के व्यवसाय करने के अलावा 9॰66 विकास दर हासिल किया और यही पूर्वोत्तर में उद्योग से जुड़ी बाजार की स्थिति को दर्शाती है। उद्योग की इस प्रगति में असम ने अकेले 771.60 करोड़ रुपए के बाज़ार पर कब्ज़ा जमाने के साथ ही पूर्वोत्तर की कुल व्यवसाय में से 47.59 फीसदी और देश की कुल व्यवसाय में से 4.59 फीसदी हासिल कर नौवें स्थान पर सूचीबद्ध हुआ है।
दूसरी ओर, उक्त वित्तीय वर्ष के दोरान असम के प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने सरकार को 100 करोड़ से अधिक का राजस्व (कर) दिया है। उद्योग के जरिए असम में 2 लाख लोगों को रोजगार मिला है जबकि पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में लगभग 1 लाख 60 हजार लोगों की आजीविका मिला है। प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने देश में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 16,776 करोड़ के साथ बाजार पर कब्ज़ा जमाया है वहीं यह आंकड़ा 2018-19 में 13,080 करोड़ था। इस हिसाब से भारत ने विश्व के अन्य 20 शीर्ष के प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग से जुड़े देशों के बीच 28 फीसदी विकास दर हासिल किया है।
देश में पहली बार के लिए इस तरह से आयोजित पूर्वोत्तर प्रत्यक्ष बिक्री एक्सपो में स्टेकहोल्डरों की उपस्थिति में 'प्रत्यक्ष बिक्री-महिला सशक्तिकरण पथ प्रदर्शक' शीर्षक एक विशेष संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें काफी संख्या में प्रत्यक्ष महिला विक्रेताओं ने भाग लिया। इस संगोष्ठी में प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र में महिलाओं का योगदान व राजस्व संग्रह के मामले में महिलाओं की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई। संगोष्ठी के दूसरे सत्र में नई पीढ़ी के विद्यार्थी एवं युवा अपनी पढ़ाई के साथ कैसे कम लागत पर इस उद्योग से जुड़ने संबंधी विभिन्न सुविधा एवं उपायों पर सारगर्भित चर्चा हुई।
इस मौके पर आईडीएसए के अध्यक्ष रजत बैनर्जी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूर्वोत्तर के सात राज्यों में इसका विस्तार केवल प्रत्यक्ष बिक्री सर्वेक्षण रिपोर्ट में प्रकाशित व उम्मीदानुसार प्राप्त आंकड़ों से ही नहीं बल्कि इस अंचल के प्रत्यक्ष विक्रेता युवा व व्यक्ति विशेष द्वारा दिखाए धैर्य व कड़ी मेहनत के कारण ही विशेष महत्वपूर्ण हो गया है। पूर्वोत्तर ने प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के विकास के लिए राजस्व संग्रह के जरिए उल्लेखनीय नतीजा दिखाया है। महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। साथ ही उन्होंने सरकार एवं पाॅलिसी निर्णायकों द्वारा उद्योग के विकास के लिए किए सकारात्मक पहल के लिए धन्यवाद जताया। सनद रहे कि आईडीएसए भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग का एक स्वतंत्र व स्वनियंत्रित ईकाई है। संस्था प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग और इसके विकास में सरकार द्वारा नियामक बनाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका के रूप में काम करती है।
आईडीएसए की बात :
आईडीएसए 2020-21 और 2021-22 वित्तीय वर्ष में इसके अधीन सदस्य कंपनियों द्वारा दिखाए उत्कृष्ट प्रदर्शन की पेशकश करता है। प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने असम तथा पूर्वोत्तर सहित देश के भिन्न प्रांतों के लोगों को रोजगार दिलाने सहित उद्यमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका पालन करता रहा है। खासकर महिलाओं को कामकाजी बनाने में इसकी भूमिका असीम है।
आईडीएसए के महाप्रबंधक चेतन भारद्वाज ने उद्योग के विभिन्न विषयों पर एक रिपोर्ट तैयार की है और असम सरकार के उपभोक्ता परिक्रमा विभाग तथा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के जरिए इस उद्योग के विकास के लिए किए सकारात्मक पहल के लिए धन्यवाद जताया है। साथ ही उन्होंने इसविषय पर सभी तथ्य एवं विषयों को सरकार को नियमित रूप से उपलब्ध कराते रहने की भी सुनिश्चितता जताई और इसके विकास में बाधक होनेवाले कारणों से बचने का भी आश्वासन दिया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें