गुवाहाटी। जीवनराम मूंगी देवी गोयंका मेमोरियल पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से जीवन राम मुंगी देवी गोयंका राष्ट्रीय पुरस्कार को गुवाहाटी माछखुवा स्थित आईटीए सेंटर में प्रदान किया गया। इस वर्ष का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड पद्मश्री येशे दोरजे थैंग्ची, गायिका श्रीमती ब्यूटी शर्मा, साउंड डिजाइनर जतीन शर्मा, कोरियोग्राफर कमल नाथ को दिया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डॉ मुकुंदकम शर्मा और प्रमुख वक्ता के रूप में फिल्म निदेशक जाह्न्नू बरुआ उपस्थित थे।
इनके साथ ही जीवन राम मूंगी देवी गोयनका मेमोरियल पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर शंकरलाल गोयंका भी उपस्थित थे। इससे पहले सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया जीवन राम मुंगी देवी ट्रस्ट के ट्रस्टी सिद्धार्थ गोयनका ने स्वागत भाषण देते हुए सभी का स्वागत किया। श्री दोरजी ने पुरस्कार ग्रहण करने के पश्चात कहा कि जब तक सूर्य चंद्र रहेगा और जब तक पृथ्वी में मानव रहेंगे तब तक असमीया जाती व असमिया भाषा रहेगी। हम असम में अंग्रेजी में बोलते हैं। यह मुझे सही नहीं लगता। असम में ही अगर हम असमिया में नहीं बोलते तो फिर कहां बोलेंगे। असमिया भाषा काफी धनी भाषा है। आज मेरा यह 25वां पुरस्कार ग्रहण करने का अवसर है। इससे पहले साहित्य के क्षेत्र में कमल कुमारी पुरस्कार भी मैंने प्राप्त किया था। जिसे होमेन बोरगोंहाई न ने शुरू किया था ।लेकिन उनके निधन के बाद यह पुरस्कार बंद हो गया। जीवनराम मूंगी देवी पुरस्कार 100 वर्ष तक चलता रहे। संकट के समय में भी यह पुरस्कार बंद नहीं हुआ। यह पुरस्कार चिर स्मरणीय हो यही मेरी कामना है।इसकेक अलावा जुबीन गर्ग, जोतीन बोरा, गरिमा सईकिया, नवनीता शर्मा बोरा, आईमी बरुवा और कृपाल कलिता को भी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। पुरस्कार प्रदान समारोह के पश्चात भारत के प्रसिद्ध कवियों के द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें फिल्म गीतकार संतोष आनंद मुख्य आकर्षण थे और वे अपने भाव विभोर वक्तव्य से दर्शकों के सामने रूबरू हुए।इनके अलावा वीर रस के कवि विनीत चौहान, हास्य रस के कवि अरुण जैमिनी, प्रवीण शुक्ला, अना देहलवी और हरीश हिंदुस्तानी भी हास्य व्यंग्य से दर्शकों का मनोरंजन किया। पुरस्कार प्रदान कार्यक्रम शाम 5:00 बजे से एवं कवि सम्मेलन कार्यक्रम शाम 6:30 बजे से प्रारंभ हुआ।
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