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त्योहारी मौसम में No Cost EMI का खेला: क्या सचमुच में यह जीरो कॉस्ट पर मिलता है?

 


गुवाहाटी! त्योहार का समय है और ग्राहकों के खरीदने की भूख को कंपनियां अलग-अलग ऑफर देकर मिटाना चाहती हैं। यही कारण है कि इन दिनों नो कॉस्ट ईएमआई की धूम मची हुई है। इस सीजन में कई कंपनियां और ऑनलाइन रिटेलर्स आकर्षक ऑफर लेकर आते हैं। इनमें नो-कॉस्ट इक्वेटेड मंथली किस्त (ईएमआई) प्लान्स भी शामिल हैं। कई लोग अक्सर त्योहारी सीजन में ही घरेलू उपकरण, नए वाहन, बाइक और गैजेट्स खरीदने का इंतजार करते हैं। इतना ही नहीं नो-कॉस्ट ईएमआई ऑफर ग्राहकों को अतिरिक्त ब्याज या शुल्क का भुगतान किए बिना किश्तों में सामान खरीदने की सुविधा देते हैं। 


खरीदने से पहले करें जानकारी

नए गैजेट्स या घरेलू उपकरण खरीदने के लिए लोग नो कॉस्ट इएमआई योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। हालांकि यदि आप ऐसा करने जा रहे हैं तो इन प्लान्स को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। जब आप खरीदारी करने के लिए नो-कॉस्ट ईएमआई या जीरो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प चुनते हैं तो इसका मतलब है कि आप उस सामान की कीमत का भुगतान मासिक किस्तों में करेंगे। लेकिन यह बिना किसी ब्याज या शुल्क के होगा। इसका मतलब है कि आप केवल ईएमआई में बांटी गई वास्तविक कीमत का ही भुगतान करेंगे।


कई तरह के मिलते हैं विकल्प

कई बैंक अलग-अलग विकल्पों में नो-कॉस्ट ईएमआई की सुविधा देते हैं। कुछ ऋणदाता कुछ उत्पादों पर जीरो डाउन पेमेंट प्लान देते हैं, जहां आपको किसी राशि का अग्रिम भुगतान नहीं करना पड़ता है। साथ ही आसानी से इनकी मासिक किस्तें बना दी जाती हैं। दूसरी ओर कुछ बैंकों को डाउन पेमेंट के रूप में न्यूनतम राशि जमा करनी होती है। बाकी की राशि का भुगतान मंथली इंस्टालमेंट में किया जाता है। नो-कॉस्ट EMI के लिए जाते समय, आप अपनी ज़रूरत के अनुसार अलग-अलग पुनर्भुगतान अवधि चुन सकते हैं। यह 3 महीने से लेकर 24 महीने तक कहीं भी हो सकता है।


क्या मिलता है क्या नहीं 

अगर नो कॉस्ट ईएमआई प्लान आपको अगली खरीदारी के लिए एकदम सही लगता है तो कुछ चीजें हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। पहला यह कि नो कॉस्ट ईएमआई में मूल राशि पर कोई ब्याज नहीं लगता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप केवल उत्पाद की वास्तविक लागत का ही पेमेंट करेंगे। कई ऋणदाता नो कॉस्ट ईएमआई के लिए प्रोसेसिंग शुल्क लेते हैं। इसके अलावा नो कॉस्ट ईएमआई चुनते समय आपको उस उत्पाद पर दी जाने वाली छूट नहीं मिलती है। इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसलिए सब समझकर ही नो-कॉस्ट ईएमआई के लिए जाना बेहतर है। नो-कॉस्ट ईएमआई योजना का लाभ उठाने का निर्णय लेने से पहले नियम और शर्तों को पढ़ना चाहिए। 

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