गुवाहाटी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मालीगांव स्थित मुख्यालय के एक आदेश के तहत तीन नंबर रेल गेेट की रेल लाइन के किनारे नगर निगम के सफाई कर्मचारी की कॉलोनी के सामने बड़े-बड़े पेड़ों को आज जेसीबी के द्वारा गिरा दिया गया। मगर धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए रेल लाइन के किनारे बनाए गए काली मंदिर को अतिक्रमण हटाओ अभियान से फिलहाल दूर रखा गया है। अभियान में उपस्थित रेलवे अधिकारी ने यह बताया कि कामाख्या से गुवाहाटी स्टेशन तक दोहरी रेल लाइन के साथ-साथ तीसरी पटरिया बिछाने का काम प्रारंभ किया जाएगा। जिसके लिए दखल की भी जमीन को खाली कराया जा रहा है। इसके अलावा 3 नंबर व 4 नंबर रेल गेट के पास बसने वाले स्थाई बाशिंदों कि बार-बार स्वच्छता संबंधी आपत्ति को देखते हुए भी रेल लाइन के किनारे स्वच्छता बरकरार रखने के लिए भी यह अभियान कारगर साबित होगा। गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा ने विशेष रूचि लेते हुए गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण के विषय को लेकर कई बार केंद्रीय रेल मंत्री से वार्तालाप कर चुके हैं। इस वार्तालाप के अंतर्गत पलटन बाजार एएसटी बस स्टैंड की जमीन पर पलटन बाजार से रेलवे स्टेशन जाने के लिए मुख्य द्वार बनाया जाएगा। फिलहाल पान बाजार रिजर्व बैंक से ही रेल स्टेशन में प्रवेश करने का मुख्य द्वार है। लेकिन वार्तालाप सफल होने पर पलटन बाजार साइड में भी रेल स्टेशन में जाने का मुख्य प्रवेश द्वार उपलब्ध हो जाएगा। इसके अलावा कामाख्या से गुवाहाटी रेलवे स्टेशन तक तीन पटरिया के चालू होने से ट्रेनों के आवागमन में ट्रेनों को अधिक समय तक रोकना नहीं पड़ेगा। जिसके फलस्वरूप रेल यातायात बाधित नहीं होगा। इससे पहले भी चार नंबर रेल गेट और पांच नंबर रेल गेट के बीच में भी अतिक्रमण हटाओ अभियान पूरा हो चुका था। चरणबद्ध तरीके से यह अभियान आगे बढ़ रहा है। रेलवे अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि रेल लाइन किनारे बसे स्थाई बाशिंदे आपत्ति तो दर्ज करवा देते हैं। लेकिन जब अभियान शुरू किया जाता है तो स्थानीय लोगों का सहयोग नहीं मिल पाता और नहीं इसके लिए स्थानीय लोगों द्वारा कोई जागरूकता अभियान चलाया जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप कुछ दिनों बाद पुनः यह जमीन बेदखल हो जाती है। जिसे बार-बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर हटाया जाता है।
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