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नगांव में बहने लगी फाल्गुन की बयार, चंगों की थाप पर झूम रहे हैं लोग, सज रही है गोठ

 


पूजा माहेश्वरी 

नगांव। फाल्गुन का महीना आते ही हर उम्र के लोगों में हर्ष एवं उल्लास छाने लगता है चाहे बच्चे हो, युवा हो, जवान हो, चाहे बुजुर्गों सभी कोई फाल्गुन में अपने अपने तरीके से आनंद लेने से नहीं रह पाते। 


नगांव में भी कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिल रहा है। हैबरगांव शांतिपूर स्थित लोहिया विवाह भवन में होली के चंग यारों के संग, रसिया टोली के युवक शिवरात्रि की शाम से ही चंगों की धुन पर थिरकते नजर आ रहे हैं, जिसमें पवन किल्ला, अरुण नागरका, कन्हैया लाल जलवानी, अनिल रातुसरिया, पवन झंवर, पवन गुजरानी, राजू पोद्दार, मनोज वर्मा के साथ-साथ कई युवा रंग बिरंगी वेशभूषा में चंग की थाप पर फाल्गुन का मजा लेते नजर आ रहे हैं। पवन किल्ला एवं अरुण नगरका ने कहा कि हम अपने साथ हमारे छोटे छोटे बच्चों में भी राजस्थानी संस्कृति एवं होली के चंग के प्रति उन्हें तत्पर कर रहे हैं । अगर हमारे बच्चे आगे नहीं आएंगे तो आगे चलकर हमारी संस्कृति सिर्फ डीजे तक ही सीमित रह जाएगी।


तेलिया पट्टी चाराआली में शंकर वर्मा एंड पार्टी के सदस्य भी मेहरी के संग नाचते-गाते नजर आते हैं। इस टोली में विजय शर्मा ,कालू भाई, केसु शर्मा रमेश राजपुरोहित, सुरेश खेङिया, शंकर वर्मा के साथ कई उम्र दराज एवं युवा सर पर पगड़ी बांधे एक जैसी वेशभूषा में मेहरी के संग नृत्य करते नजर आ रहे हैं। शंकर वर्मा ने बताया की उनका लक्ष्य समाज को एक साथ जोड़ कर होली के पर्व को मनाना है, साथ ही नई पीढ़ी के बच्चों को भी हमारी संस्कृति से जोड़ कर रखना है।


उधर धर्मशाला पट्टी में नव युवकों की टोली द्वारा चंगों का अलग उत्साह नजर आता है, सभी नवयुवक अपने अपने अंदाज में राजस्थानी लोकगीतों के साथ-साथ आधुनिक गीतों को भी चंगों की थाप पर गाते नजर आ रहे हैं। इस पार्टी के सदस्य नितिन मुंदड़ा एवं राजा पारीक ने बताया कि हम नव युवाओं में हमारी संस्कृति का संचार कर रहे हैं और काफी मात्रा में युवा हमसे जुड़ रहे हैं। इस पार्टी मे किशन मुंदङा, मनीष माहेश्वरी, अमीत केजरीवाल, विशाल मुंदङा, अनिल ढाढरिया, राजा केजरीवाल आदि सदस्य शामिल है। 


सभी चंग पार्टियां अपने अपने अंदाज में होली के गीत जैसे चांद चढ्यो गिगनार, तालरिया मगरिया रे, पगलिया री पायलिया भीजे जैसे गीतों के साथ साथ मरुधर की शान धरती धोरा री गीत गाते नजर आ रहे हैं। समाज के लोग भी सभी कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। 

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