गुवाहाटी की शांति उस वक्त टूट गई जब “वीर लाचित सेना” के नाम पर काम करने का दावा करने वाले एक गिरोह ने खुलेआम अपहरण और फिरौती की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने मात्र कुछ ही घंटों में इस खौफनाक कांड का पर्दाफाश कर छह अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
--- कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम
बोरबारी क्षेत्र में एक स्थानीय अस्पताल के बाहर से एक व्यक्ति को जबरन उठा लिया गया। अपहरणकर्ता दो गाड़ियों — सफेद मारुति स्विफ्ट (AS01EM 0718) और सिल्वर वैगनआर (AS23Q3566) — में सवार होकर आए थे।
पीड़ित को अगवा करने के बाद आरोपियों ने उसके परिवार को फोन कर ₹15 लाख की फिरौती मांगी और धमकी दी कि रकम न देने पर गंभीर अंजाम भुगतने होंगे।
--- पुलिस की सटीक और तेज़ कार्रवाई
मामला दिसपुर थाना पुलिस तक पहुंचा, और फिर शुरू हुई एक ताबड़तोड़ जांच।
सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की पहचान की और बारीकी से जाल बिछाकर सभी आरोपियों को दबोच लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इंजामुल हक, रोहन अली, मोहन बरा, नीतु अहमद, चिन्मय देव, रियाज अहमद और बिराज बल्लव कलिता के रूप में हुई है।
--- चौंकाने वाली बरामदगी
छापेमारी के दौरान पुलिस ने जिन चीजों को जब्त किया, उन्होंने पूरे शहर को हिला दिया।
बेसबॉल बैट और हॉकी स्टिक
दोधारी चाकू और पेपर स्प्रे
मोबाइल फोन और नकली रसीद बुक
“वीर लाचित सेना” के नाम पर जारी आईडी कार्ड और दस्तावेज़
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से वीर लाचित सेना के नाम का दुरुपयोग कर वसूली और धमकी जैसी गतिविधियों में शामिल था।
--- कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों पर आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 384 (जबरन वसूली) और 506 (आपराधिक धमकी) सहित कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह के तार राज्य के अन्य जिलों या किसी बड़े नेटवर्क से जुड़े हैं।
--- सरकार की सख्त प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर जांच में “वीर लाचित सेना” संगठन की अवैध गतिविधियाँ साबित होती हैं, तो राज्य सरकार इस पर यूएलएफए (I) जैसी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने में हिचकेगी नहीं।
सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में “वीर लाचित सेना” के नाम पर वसूली और धमकियों की कई शिकायतें पहले भी दर्ज की गई थीं।
जनता में गुस्सा और दुख
असम के नायक वीर लाचित बरफुकन का नाम, जो बहादुरी और देशभक्ति का प्रतीक है, अब अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है — यह खबर आम जनता के लिए गौरव का अपमान बन गई है।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि ऐसे किसी भी छद्म संगठन को कानूनी रूप से पूरी तरह समाप्त किया जाए।
पुलिस की अपील
दिसपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन “वीर लाचित सेना” या किसी अन्य देशभक्ति संगठन के नाम पर धमकाने या वसूली की कोशिश करे, तो तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम या नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज करें।
यह मामला सिर्फ एक अपहरण नहीं, बल्कि वीर लाचित बरफुकन जैसे महानायक की विरासत को कलंकित करने की कोशिश है — और असम पुलिस ने यह साफ़ कर दिया है कि ऐसे अपराधियों के लिए राज्य में कोई जगह नहीं है।






कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें