कांग्रेस नेता गौरव सोमानी ने निभाई अहम भूमिका: सोहन अग्रवाल
असम राज्य कांग्रेस के सचिव और अखिल भारतीय प्रोफेशनलस कांग्रेस (एआईपीसी) की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव सोमानी ने आज नलबाड़ी व्यवसायी सोहन अग्रवाल की दुकान को भू-माफियाओं के चंगुल से छुड़ाने में सक्षम होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। सोमानी ने कहा कि पिछले दो माह से सोहन अग्रवाल की दुकान को भूमाफियाओं द्वारा जबरन बंद करा दिया गया और ताला लगा दिया गया था। आखिरकार नलबाड़ी पुलिस थाने ने आज उसे अपनी दुकान की चाबियां सौंप दी और सोहन अगरवाल ने फिर से अपनी दुकान खोल दी। सोमानी ने कहा कि सोहन अग्रवाल और नलबाड़ी उपायुक्त गीतामोनी फुकन के साथ पुलिस अधीक्षक सुधाकर सिंह के बीच सिलसिलेवार मुलाकातें हुईं। दोनों पक्षों को थाने में बुलाकर आखिरकार मामला शांत कराया गया। सोमानी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता परिवार की सुरक्षा भी थी, जिस पर पुलिस प्रशासन ने सोहन अग्रवाल और उनके परिवार को सुरक्षा का पूरा आश्वासन भी दिया है।
मालुम हो कि नलबाड़ी कस्बे में अमृत इलेक्ट्रिकल्स के व्यवसायी और मालिक सोहन अग्रवाल ने दुकान को 22 लाख रुपये में 2014 में खरीदा था । कुछ भू-माफिया हाल ही में 22 मार्च को उसकी दुकान पर आए और उसे दुकान खाली करने के लिए कहा। दुकान खाली करने की उनकी मांग मानने से इनकार करने पर भूमाफियाओं ने जबरन मालिक और कर्मचारियों को दुकान से बाहर निकाल दिया और दुकान में ताला लगा दिया। इन गंभीर परिस्थितियों में सोहन अग्रवाल ने नलबाड़ी थाने में दो बार प्राथमिकी दर्ज कराई थी। भू-माफियाओं ने उन्हें थाने के अंदर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी और तुरंत प्राथमिकी वापस नहीं लेने पर उनके बेटे को स्कूल से अगवा कर लिया जाएगा। दबाव में श्री सोहन अग्रवाल को प्राथमिकी वापस लेनी पड़ी। इन गंभीर हालात में युवा नेता गौरव सोमानी ने पुरे मामले को मिडिया के समक्ष रखा और साथ ही डीजीपी जी. पी. सिंह के संज्ञान में लाया गया। पुलिस एवं जिला प्रशासन पर भी दबाव बनाया गया। डीजीपी कार्यलय ने पुरे मामले की नलबाड़ी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। वही सोहन अग्रवाल ने कहा कि इस पुरे घटनक्रम के दौरान मेरे साथ कोई खड़ा नहीं हुआ, ना कोई समाजीक संगठन न कोई व्यक्तिविशेष। परन्तु इन गंभीर परिस्थितियों में जिस तरह से गौरव सोमानी ने मेरा साथ दिया उनको हृदय से अपना आभार व्यक्त करता हूँ।
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