प्रीति व बिनीत को शादी की सालगिरह पर हार्दिक शुभकामनाए
आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं दाता
सास ससुर: सारदा देवी लालचंद अग्रवाल
पति एवं पुत्री: बिनीत, हीया व जीया अग्रवाल
माता पिता एवं बहन: मदन सुमित्रा स्नेहा सिंघल
माँ बाप दोनों को ही बेटा बेटी का लालन पालन शिक्षा एवं संस्कार ऐसा देना पङता है कि उसकी जिंदगी में चाहे कितना भी उतार चढ़ाव आये लेकिन वो बिना हिचकिचाहट के उनका मुकाबला करने में सक्षम हो।
अब जमाना बदल गया है इसलिए चुल्हे चौके के बदले करियर बनाने के लिए शिक्षित होना बहुत ही आवश्यक हो गया है इसके लिए स्वतंत्रता चाहिए लेकिन औलाद का भी नैतिक दायित्व है कि स्वतंत्रता की जगह स्वछंदता से बचना चाहिए। माँ बाप से नज़र बचाकर हल्के दागी एवं जालसाज के चक्कर में ना पङकर अपना एवं अपने परिवार का नाम मिट्टी में मिलाने से बचना एक शिक्षित एवं संस्कारी औलाद के लिए जरूरी है।
पति ऐसा होना चाहिए जो पिता की तरह जीवन संवार सकें। चरित्रवान धर्मनिष्ठ संस्कारी एवं श्रमशील हो जिससे जीवन रुपी नैया आसानी से पार हो सकें।
विजातीय विवाह आजकल एक प्रचलन सा हो गया है उसके अनेक कारण भी है लेकिन सजातीय विवाह की अहमियत तब याद आती है जब पग पग पर अपमान एवं समस्याओं का सामना करना पङता है।
सोची समझी साज़िश की तरह लोग वशीकरण एवं अन्य रास्तों से अच्छे घरों के बेटे बेटियों को अपने जाल में फंसाकर अपना उल्लू सीधा करते हैं अधिकतर कामयाब भी हो जाते हैं लेकिन उसका परिणाम जल्द ही सामने आ जाता है।
माँ आज पिता का दायित्व निभाने में सक्षम इसलिए भी है कि मात्र एक दो बच्चे होते हैं तथा मां भी पढ़ी लिखी होने के कारण लालन पालन के साथ साथ उनकी पढाई एवंं करियर बनाने में पिता की तरह ही अहम भूमिका निभा रही है।
पिता अपनी संतान विशेष कर बेटियों को अधिक प्यार एवं दुलार करता है इसलिए बेटियों को अच्छे एवं बराबर के सजातीय वर को चुनता है ताकि पति भी पिता की तरह अपनी पत्नी को उतना ही प्यार करें तथा समकक्ष बनाकर दोनों परिवारों समाज एवं देश हित में नाम रोशन करने का सम्मान दिला सके।
मदन सुमित्रा सिंचल
पत्रकार एवं साहित्यकार
शिलचर असम
मोबाइल नंबर 9435073653
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