शादी की सालगिरह पर हार्दिक शुभकामनाएं
सुमित्रा - मदन सिंघल
12.06.2023
शुभकामनाएं दाता
बेटियां
प्रीति स्नेहा सिंघल
जवांई एवं दोहित्रि द्वय
बिनीत हीया एवं लीया अग्रवाल
पति पत्नी जैसा जीवन साथी कोई भी नहीं हो सकता फिर भी बिछडुन निश्चित
हम पति पत्नी जींदगी भर साथ रहें इसलिए यह डर स्वाभाविक ही है कि एक एक को ही जाना होगा। शिष्टाचार दर्शन के लिए जब हम जैन साध्वी संगीत श्री महाराज के पास गए जो मई माह 2021 में चतुर्मास में पधारे थे। हम दोनों ने प्रणाम करते हुए आशीर्वाद में एक साथ मृत्यु मांगी तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि आप यह कैसी बात कह दी यह असंभव है लेकिन अचानक एक मिनट चूप रहने एवं कुछ ध्यान लगाने के बाद झट से कह दिया कि जाइये आप दोनों चलते फिरते ही इस दुनिया से जायेंगे आपको शारीरिक कष्ट नहीं होगा। यह एक अमूल्य आशीर्वाद था।
पति पत्नी शादी के दिन ही एक साथ जीने एवं एक साथ मरने की शपथ लेने के साथ साथ हर सुख दुःख में साथ निभाने का संयुक्त संकल्प लेते हैं जो अक्षरस लगभग सभी निभाते ही है लेकिन एक साथ मरना संभव नहीं बशर्ते असमय दुर्घटना अथवा संघर्ष से हार मानकर एक साथ आत्महत्या कर लेना। भारतीय नारियाँ सब स्थिति एवं परस्थितियों में अपने पति का साथ नहीं छोङती कभी कभार विपरीत कारणों से तलाक़ की नोबत आ जाती है फिर भी समाज दुखित मन से स्वीकार जरूर कर लेता है लेकिन हिमायत नहीं करता।
हर इंसान कभी भी विधुर अथवा विधवा होना नहीं चाहता लेकिन विधि के विधान के कारण यह दंश ताजिंदगी भोगना पङता है।
अकेलापन जीवन को नीरस बना देता है जब नौबत एक दुसरे से बिछुङने की आती है तो व्यक्ति पर एक ऐसा पहाड़ टूट पङता है उसके नीचे दबे रहने एवं सिसकते रहने के सिवाय कोई उपाय नहीं होता है। ऐसे में व्यक्ति यदि ईश्वर का निर्णय समझ कर अपने आप को धर्म कर्म जनसेवा में लगाले तो शेष जीवन सुखमय हो सकता है लेकिन अलग अलग सोच के कारण लोग विकल्प ढूंढ लेते हैं।
दुर्लभ मानुष जीवन को हमें ऐसा यादगार एवं एतिहासिक बना लेना चाहिए ताकि आने वाली पीढियां प्रेरित हो सकें।
मदन सुमित्रा सिंचल
पत्रकार एवं साहित्यकार
शिलचर असम
मोबाइल 9435073653
Thanks🎉
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