वैसे तो पूरा सावन मास ही शिव पूजा के लिए बहुत शुभ माना गया है, लेकिन इस महीने में आने वाली शिवरात्रि बहुत ही खास मानी जाती है। धर्म ग्रंथों के ये व्रत जिस तिथि पर किया जाता है, उसी तिथि पर महादेव लिंग रूप में प्रकट हुए थे।
भगवान शिव का प्रिय सावन मास 4 जुलाई से शुरू हो चुका है। इस महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्दशी बहुत ही खास रहती है क्योंकि इस तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इसे शिव चतुर्दशी व्रत ( Kab hai Sawan Shivratri 2023) भी कहते हैं। वैसे तो ये व्रत हर महीने में किया जाता है, लेकिन सावन मास की शिवरात्रि का महत्व उन सभी से बढ़कर माना गया है। शिव चतुर्दशी व्रत में शिवजी की पूजा रात्रि में करने का विधान है। आगे जानिए इस बार कब है मासिक शिवरात्रि व्रत.
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई, शनिवार की रात 08:32 से 16 जुलाई, रविवार की रात 10:08 तक रहेगी। चूंकि शिव चतुर्दशी व्रत में शिवजी की पूजा रात में की जाती है, इसलिए ये व्रत 15 जुलाई, शनिवार को किया जाएगा। इस दिन वृद्धि और ध्रुव नाम के 2 शुभ योग दिन भर रहेंगे।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर शिवजी को प्रसन्न करने के लि प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 14 जुलाई, शुक्रवार की शाम 07:17 से 15 जुलाई, शनिवार की रात 08:32 तक रहेगी। इस व्रत में शिवजी की पूजा शाम को करने का विधान है। इसलिए ये व्रत भी 15 जुलाई को ही किया जाएगा।
शिव पुराण के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव एक विशाल लिंग रूप में प्रकट हुए थे। ये भगवान शिव का निराकार रूप था। तभी से इस तिथि पर महाशिवरात्रि पर्व मनाने की शुरूआत हुई और अन्य महीने की कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर भी मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाने लगा।
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