एक नजर लखीमपुर की चुनावी राजनीति पर - Rise Plus

NEWS

Rise Plus

असम का सबसे सक्रिय हिंदी डिजिटल मीडिया


Post Top Ad

एक नजर लखीमपुर की चुनावी राजनीति पर

 

इलेक्ट्रॉल बौन्ड से चंदा लेने के कारण बढ़ी महंगाई: कांग्रेस उम्मीदवार


जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे 12 नंबर लखीमपुर लोकसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल तेज होती जा रही है। इस बार के चुनाव को जीतकर विजय पताका लहराने के लिए लखीमपुर लोकसभा चुनाव क्षेत्र के सभी नौ उम्मीदवार अपनी कमर कस कर इस चुनावी महारण मे उत्तर चुके हैं। भाजपा प्रत्यासी प्रधान बरुआ हो चाहे कांग्रेस प्रत्यासी उदय शंकर हजारिका हो या फिर अन्य राजनीतिक दल हो या निर्दलीय दल के प्रत्याशी हो सभी के सभी अपनी अपनी चुनावी सभा में लाखों मतों के अंतर से विजय श्री का ताज पहनने को उतारू हो रहे हैं। इस चुनावी अखाड़े में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रधान बरुआ कांग्रेस के प्रत्याशी उदय शंकर हजारिका को लगभग ढाई से तीन लाख मतों से पराजित कर विजय श्री का ताज पहनने का दावा कर रहे रहे हैं तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्यासी उदय शंकर हजारिका भाजपा प्रत्यासी प्रधान बरूआ को लाखों मतों से पराजित कर कांग्रेस का विजय पताका लहराने का दावा करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस प्रत्याशी के अलावा दूसरे राजनैतिक दल तथा निर्दलीय दल के प्रत्याशी भी इस चुनाव में लाखों मतों के अंतर से विजयी होने का दावा कर रहे है।बड़े ही आश्चर्य की बात है कि संसदीय चुनाव 2024 के पहले चरण में लखीमपुर में आगामी 19 अप्रैल को संपन्न होने वाले चुनाव में चुनाव में चुनावी महारण मे अपनी जीत का दावा ठोकने वाले ऐसे भी उम्मीद्वार है जिनको न तो यह ज्ञान है की लखीमपुर लोक सभा चुनाव क्षेत्र में कितने और कौन - कौन सी विधानसभा चुनाव क्षेत्र आते हैं और न ही लखीमपुर लोकसभा क्षेत्र के कूल मतदाताओं की संख्या , जिनके मतों से ये विजयश्री का ताज पहनने का दावा कर रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब संवाददाताओं द्वारा उनके साक्षात्कार के दौरान उनसे लखीमपुर संसदीय चुनाव क्षेत्र की परिसीमा और इसके अंतर्गत आने वाले विधानसभा चुनाव क्षेत्र , वह कुल मतदाताओं की संख्या के बारे में पुछा गया। राजनीति में दिलचस्प रखने वाले राजनीति की जानकारो के अनुसार इस वर्ष लखीमपुर लोकसभा का चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशि के बीच कांटे की टक्कर होगी । इस चुनाव में प्रतिद्वंदिता कर रहे कई प्रत्याशियों का जो विजय श्री का ताज पहनने का सपना देख रहे हैं उनकी जमानत तक जब्द होने के आसार हैं। इसके अलावा लोगों का मानना है कि इस बार चुनावी रणभूमि में उतर कर अपने भाग्य को अजमाने वाले ऐसे भी प्रत्यासी है जिनका उद्देश्य विजय श्री का ताज पहनने से ज्यादा अपने समर्थक उम्मीदवार के प्रतिद्वंदी के मतों को विभाजित कर अपने समर्थक उम्मीदवार को विजयी होने में सहायक होना है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा उम्मीदवार प्रधान बरुआ केंद्र की सत्ताधारी भाजपा सरकार के द्वारा उनके कार्यकाल में गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए चलाए जा रहे जनधन ,पीएम आवास योजना ,आयुष्मान भारत, किसान सम्मन निधि इत्यादि जैसे कई जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताते हैं। साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में बताते हैं कि 2022 के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन से भी ऊपर हो गई है।2022 के अंत में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर की थी जबकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर की रही।उन्होंने आम जनता को बताया कि एक समय भारत पर शासन करने वाला ब्रिटेन आज अर्थनैतिक अवस्था में भारत से पीछे है ।जिसका श्रेय माननीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सत्ताधारी भाजपा सरकार को जाता है। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी उदय शंकर हजारीका अपने चुनावी भाषण में बताते हैं कि भारत में महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण भाजपा द्वारा इलेक्ट्रॉल बौन्ड के माध्यम से लिया गया चन्दा है।


वे आम जनता को बता रहे हैं कि भाजपा सरकार द्वारा भारी मात्रा में लिए गए चंदे के कारण ही सभी वस्तुओं के दाम बढ़े हैं। क्योंकि चंदा देने वाली कंपनीयां वसूली के लिए सभी वस्तुओं का दाम बढ़ा देती है जिसका असर सीधे भारत की आम जनता पर पड़ता है। उन्हें कहा कि आज भारत की आम जनता भारत की नागरिक नहीं बल्कि श्रमिक है जो देश के लिए काम करेंगे और भारत के मालिक सिर्फ गुजरात के लोग हैं चाहे वो अडानी हो या अंबानी । अपने देश के नागरिकों को अपने हीं देश में ‌श्रमीक बने का काम भाजपा ने किया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नियमित रूप से WhatsApp पर हमारी खबर प्राप्त करने के लिए दिए गए 'SUBSCRIBE' बटन पर क्लिक करें