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खंडेलवाल जैन महासभा का वैवाहिक परिचय सम्मेलन संपन्न

 


गुवाहाटी। श्री भारतवर्षीय खंडेलवाल दिगंबर जैन महासभा, पूर्वांचल ने पूर्वोत्तर में पहली बार गुवाहाटी स्थित "श्री आसाम महेश्वरी भवन, छत्रीबाडी" में युवक- युवती का परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें 225 से भी अधिक युवक युवतियों ने अपना नाम पंजीकरण कराया। कार्यक्रम का शुभारंभ सिलचर निवासी महावीर सेठी एवं उनके परिवार वालों ने झंडा रोहण करके किया। उसके पश्चात मुख्य द्वार का उद्घाटन जोरहाट निवासी गजेंद्र बाकलीवाल एवं उसके परिवार वालों ने किया।सभागार के मुख्य दरवाजे का बरपेटा निवासी अशोक चूडीवाल एवं उनके परिवार वालों ने फीता काटकर उद्घाटन किया। मंच पर कार्यक्रम का शुभारंभ तिनसुकिया निवासी विजय कुमार पाटनी एवं उनके परिवार वालों ने दीप प्रज्वलित करके किया । इस अवसर पर कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष - प्रकाश चंद बडजात्या, राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष पवन गोधा, राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष महिपाल पहाड़िया, राष्ट्रीय महामंत्री गजेंद्र जैन पाटनी, पूर्वांचल कार्याध्यक्ष डॉ.संतोष काला(सी.ए), महामंत्री सुभाष बड़जात्या, परिचय सम्मेलन के संयोजक महिपाल पाटनी,अनिल जैन, मनोज काला के आलावा अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। महासभा की पूर्वांचल के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ संतोष कुमार जैन ने स्वागत भाषण देते हुए पूर्वोत्तर में पहली बार आयोजित वैवाहिक परिचय सम्मेलन के औचित्य के बारे में बताया। राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश बडजात्या ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी चेष्टा है कि स्व-जातिय विवाह ही हो। स्व-जातिय विवाह से पैदा हुए बच्चे संस्कारित, विद्वान और बुद्धिमान होते हैं। बच्चों का विवाह सही उम्र में करने से उनकी संतान का पालन पोषण सही ढंग से हो जाता है। आज 27 वर्ष से 40 वर्ष तक की उम्र के बच्चे अविवाहित रहते हैं। इस बढ़ती उम्र के बाद विवाह होने से बच्चों का लालन-पालन सही ढंग से नहीं हो पाता है। इस तरह के वैवाहिक परिचय सम्मेलनों से इस समस्या का कुछ हद तक समाधान निकलेगा। इस अवसर पर स्वर्गीय निर्मल सेठी के परिवार द्वारा स्मारिका"खंडेलवाल समाज कि गौरव गाथा "का भी विमोचन किया गया। इसके पश्चात वैवाहिक परिचय सम्मेलन की शुरुआत की गई। जिसमें सभी युवक युवतियों ने मंच पर उपस्थित होकर अपना अपना परिचय दिया।सभी प्रार्थियों को एक-एक परिचय पुस्तिका दी गई।विवाह के इच्छुक युवक युवतियों के एवं उनके परिवार वालों को प्रारंभिक बातचीत करने के लिए अलग से व्यवस्था भी की गई थी। जिसके चलते इस विवाह परिचय सम्मेलन में दो जोड़ों का विवाह होना निश्चित हुआ। जो इस परिचय सम्मेलन की सफलता का प्रतीक माना गया। कार्यक्रम के अंतिम चरणों में मंच से विवाह संबंधित प्रश्न दर्शकों से वाद विवाद के रूप में पूछे गए। जिसमें सर्वश्रेष्ठ तर्क प्रस्तुत करने वाले को पुरस्कृत भी किया गया। परिचय सम्मेलन मे बरपेटा से पधारे एक दिव्यांग युवक की चित्रांकन प्रतिभा को देखकर सभी दंग रह गए। परिचय सम्मेलन में नागपुर, मुंबई, सूरत के अलावा असम के विभिन्न शहर और गांव से भी युवक युवतियों ने अपना पंजीकरण कराया।सम्मेलन मे करीबन 450 पुरुष, महिला और प्रार्थियों कि उपस्थिति दर्ज गई।

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