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असम के सामाजिक ताने-बाने की नींव बहुत कमजोर: मुख्यमंत्री


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को दावा किया कि नगांव और धुबरी के लोकसभा चुनाव परिणाम यह दर्शाता है कि राज्य के सामाजिक ताने बाने की नींव बहुत कमजोर है। कांग्रेस के विधायक रकीबुल हुसैन ने धुबरी सीट से 10 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई को नगांव से 2,12,231 वोटों से जीत मिली।


मीडिया से बात करते हुए असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, "नगांव और धुबरी के खतरनाक चुनावी नतीजे ने यह साबित कर दिया कि असम में सामाजिक ताने बाने की नींव बहुत कमजोर है। रकीबुल हुसैन 10 लाख वोटों के अंतर से जीत गए। यह क्या दर्शाता है? यह हमारे समाज और जातीय जीवन को दर्शाता है।" 


सीएम सरमा ने दावा किया, "आप सोचते हैं कि आप 10 लाख वोटों से आगे हैं और वहां एक भी हिंदू ने वोट नहीं दिया, तो यह हमारे सामाजिक ताने बाने के सामने कितना खतरा है।" उन्होंने आगे कहा कि बोरदोलोई ने भी मुस्लिम बहुल क्षेत्र नगांव सीट से जीत हासिल की। वहीं भाजपा ने सभी हिंदू बहुल क्षेत्रों में बढ़त बनाई। 


रकीबुल हुसैन ने मौजूदा सांसद एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को 10,12,476 वोटों के अंतर से हराया। कांग्रेस नेता को 14,71,885 वोट मिला, जबकि एआईयूडीएफ प्रमुख 4,59,409 वोट ही हासिल कर पाए। लाहोरीघाट, ढिंग, रूपोही और सामागुरी (सभी मुस्लिम सीटें) में कांग्रेस को जीत मिली। 


सीएम सरमा ने कहा, "अगर भाजपा और राष्ट्रहित को चाहने वाले लोगों ने चुनौती नहीं दी, तो असम डूब जाएगा और इसे बचाना मुश्किल होगा।" उन्होंने जोरहाट से कांग्रेस उम्मीदवार गौरव गोगोई को अपना बताते हुए कहा कि उनकी जीत पर कोई चिंता की बात नहीं है। 

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