गुवाहाटी। पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी युवा मंच के गुवाहाटी ग्रेटर शाखा और कामाख्या शाखा के अतिथ्य में तथा आचार्य तुलसी महाश्रमण रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से धारापुर में दो दिवसीय महिला सम्मेलन ओजस्विता का शुभारंभ मुख्य अतिथी अखिल भारतीय राष्ट्रीय सेविका समिति की राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री सुनीता हेलडकर ने किया। इस अवसर पर मंच मशाल पुरुष राम जीवन सुरेका की उपस्थिति में सभी अतिथियों ने मंच मशाल को प्रज्वलित किया। उद्घाटन समारोह में प्रांतीय अध्यक्ष पंकज जालान, राष्ट्रीय नारी चेतना समिति की संयोजिका रीना केडिया, ओजस्विता कार्यक्रम की स्वागत अध्यक्ष संतोष शर्मा, मुख्य अतिथि सुनीता हेलडकर, आचार्य तुलसी महाश्रमण रिचर्स फाउंडेशन के अध्यक्ष विजय डोषी, स्वागत मंत्री मंजू भंसाली, प्रांतीय उपाध्यक्ष मुख्यालय प्रदीप राठी, कार्यक्रम संयोजिका बबीता मित्तल, गुवाहाटी ग्रेटर के शाखा अध्यक्ष हितेश चोपड़ा,कामाख्या शाखा की अध्यक्ष स्नेहल बीदासरिया उपस्थित थी। स्वागतम अध्यक्ष संतोष शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। प्रांतीय अध्यक्ष पंकज जालान ने अपने संबोधन में कहा कि ओजस्विता नारी सशक्तिकरण का कार्यक्रम नहीं है। भारत की नारी तो शुरू से ही शक्ति का प्रतीक रही है। वह हमेशा शक्तिशाली रही है। आज हम इस कार्यक्रम के जरिए उस नारी शक्ति को उचित सम्मान देकर महिलाओं को और अधिक जागृत करके शक्तिशाली बनने की प्रेरणा जगाएंगे। नारी चेतना समिति की राष्ट्रीय संयोजिका रीना केडिया ने अपने संबोधन में कहा कि ओजस्विता नामक महिला सम्मेलन युवा मंच के इतिहास में पहली बार पूर्वोत्तर इकाई के सानिध्य में गुवाहाटी में हो रहा है। जो संपूर्ण राष्ट्र की शाखोंओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन जाएगी। नारी शक्ति को सम्मान प्रदर्शित करने वाला यह कार्यक्रम अपने आप भी सबसे पहला कार्यक्रम है। मुख्य अतिथि सुनीता हेलडकर ने कहा कि हम सभी भाग्यशाली है कि हमने भारत भूमि जैसी पवित्र भूमि में जन्म लिया है। जहां नारी की पूजा होती है। जहां नारी को अग्राधिकार दिया जाता है। हमें मीराबाई व जीजाबाई जैसी नारियों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।भारत की नारी अनादि काल से शक्तिशाली रही है। हमें ऐसे कार्यक्रमों के जरिए नारी शक्ति को सम्मान प्रदर्शित करना है। उद्घाटन कार्यक्रम में स्वागत अध्यक्ष संतोष शर्मा द्वारा रचित व गए हुए नारी शक्ति गीत पर कामाख्या शाखा की सदस्योंओ ने आकर्षक नृत्य किया। उद्घाटन सत्र के पश्चात दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न प्रेरणादायक सत्रो का आयोजन किया गया। द्वितीय सत्र कुटुंब प्रतिबोधन का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रोमेन डेका ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर उनके साथ राष्ट्रीय विकास समिति की प्रमुख संचालिका शांता कुमारी, मारवाड़ी युवा मंच के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण बजाज भी उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्यपाल रोमेन डेका ने कहा कि पहले मारवाड़ी महिलाएं सामाजिक कार्यों में आगे नहीं आती थी। मैं जब विश्वविद्यालय में पढ़ता था तो उस समय सिर्फ एक ही मारवाड़ी महिला मेरे साथ पढ़ती थी। मगर आज तो हर मारवाड़ी महिला विश्वविद्यालय में पढ़ती है। मारवाड़ी महिलाओं में काफी ऊर्जा है। उसे मारवाड़ी युवा मंच सदुपयोग कर समाज सेवा में लगा रही है। कभी भी किसी काम का दबाव या तनाव नहीं लेना चाहिए। उसे भगवान के ऊपर छोड़कर अपने कर्म में लग जाना चाहिए। शांता कुमारी ने कहा कि नारी से नारायणी बना है। दुर्गा सप्तशती में नारायणी नमो स्तुते का उल्लेख कई बार आया है। अपने जीवन में त्याग करते हुए दूसरों के दुख को दूर करने वाली मां होती है। मातृत्व भाव हमें समझना होगा। कारण भारतीय नारी हमेशा मातृत्व भाव में रहती है।कुटुंब का आधार व केंद्र बिंदु नारी ही होती है। जो मां होती है। परिवार को सही दिशा देने वाली भी मां ही होती है।अतः नारी शक्ति हमेशा वंदनीय है।






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