देश में CAA कानून लागू होने के बाद असम सरकार ने एनआरसी रजिस्ट्रेशन के बिना आधार कार्ड बनाने पर बैन कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कई जिलों में अनुमानित आबादी से अधिक आवेदन आधार कार्ड बनाने के आए हैं। संदिग्धों को रोकने के लिए बिना एनआरसी आवेदन संख्या के किसी का आधार कार्ड नहीं बनेगा।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आधार कार्ड घुसपैठिए भी बनवा सकते हैं। ऐसे लोगों को रोकने के लिए नया नियम लागू किया गया है। अब आधार बनवाने के लिए आवेदकों को एनआरसी आवेदन की रसीद संख्या देनी होगी। अवैध विदेशी नागरिकों का घुसपैठ रोकना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि असम में आधार कार्ड हासिल करना आसान नहीं है।
एनआरसी के लिए राज्य में 9.55 लाख लोगों ने अपनी बायोमेट्रिक रिकॉर्ड दर्ज करा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों के लिए एनआरसी आवेदन संख्या आधार बनवाने में आवश्यक नहीं होगा। वह अपना आधार आसानी से ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को आधार नियम में बदलाव का अधिकार दिया है। असम में घुसपैठ काफी होने की आशंका रहती है। अब उन्हीं का आधार बनेगा जो आयुक्त से एनओसी प्राप्त करेंगे। एनओसी भी तभी दी जाएगी जब पूरी तरह से पड़ताल कर ली जाए।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि असम के चार जिलों बारपेटा, धुबरी, मोरीगांव, नागांव में आधार कार्ड के लिए इन जिलों की आबादी से अधिक आवेदन आए हैं। घुसपैठियों को आधार प्राप्त करने से रोका जाएगा सभी प्रमाणों की वृहद जांच होगी। सरकार अवैध नागरिकों की पहचान प्रक्रिया को तेज करेगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में तमाम बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा जा चुका है। सीमा पर भी सरकार निगरानी कर रही है।
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