गुवाहाटी। नवरात्र की महा अष्टमी और नवमी के उपलक्ष्य में 51 शक्तिपीठों में अन्यतम शक्तिपीठ कामाख्या धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड पड़ी। इस अवसर पर महानवमी के उपलक्ष्य में माता की पालकी एवं कुमारी कन्याओं को मंदिर की परिक्रमा करवाई गई।विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इस अवसर पर माता की परिक्रमा कर मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी ली। गौरतलब है कि मां कामाख्या का यह शक्तिपीठ गुवाहाटी महानगर की हृदय स्थली में नीलांचल पहाड़ियों में बसा हुआ है। यह मंदिर अति प्राचीन है एवं तांत्रिक साधना का सर्वोत्तम केंद्र है। इसकी गिनती 51 शक्ति पीठ में आती है। सती के शरीर के 51 टुकड़ों भी से मां सती का योनि अंग इस नीलांचल पहाड़ी पर गिरा था। इसीलिए इस मंदिर में माता की कोई मूर्ति ना होकर योनि आकर के कुंड की ही पूजा की जाती है। नवरात्रि की उपलक्ष्य में अष्टमी तिथि को यहां पशु बलि देने का विधान भी है। कुमारी कन्या की पूजन का एक अनोखा विधान इस मंदिर में प्रचलित है।जिसमें कुमारी कन्याओं को 16 श्रृंगार करके सजाया जाता है एवं उनके पांव धोकर उनको गोदी में लेकर मंदिर परिसर में घूमकर उनको भोजन कराया जाता है।
!->
नवरात्र में कामाख्या शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें