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स्वर माधुरी 2024 के ग्रैंड फिनाले में देश की 36 प्रतिभाएं स्वर शिरोमणि सम्मान से अलंकृत हुईं

 


पार्श्व गायिका डॉ. जसपिंदर नरूला ने सराहा प्रतिभाओं का हुनर


राजस्थान की मरू कोकिला सीमा मिश्रा द्वारा स्थापित सीमा मिश्रा राजस्थान लोक संगीत- कला अकादमी द्वारा देश के पहले सबसे बड़े ऑफ लाइन टेलेंट हंट का आयोजन भारत के प्रमुख राष्ट्रव्यापी साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन सम्पर्क क्रांति परिवार, राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग, मुंबई के चॉइस ग्रुप और जयपुर के जे.ई.सी.आर.सी, सीतापुरा के सहयोग से किया गया।जयपुर सहित भारत के अनेक शहरों में आयोजित की जा रही देश की सबसे बड़ी ऑफ लाइन अखिल भारतीय संगीत प्रतियोगिता "स्वर माधुरी 2024 सीज़न-2" का शनिवार को जयपुर में ग्रांड फिनाले आयोजित किया गया। 


महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित इस भव्य संगीत समारोह में पूर्व के विभिन्न चरणों में अपने हुनर का प्रदर्शन कर चुकी सैकड़ों प्रतिभाओं में से चयनित कुल 36 गायन प्रतिभाओं ने शास्त्रीय संगीत, सुगत संगीत और लोक संगीत की चार आयु वर्ग श्रेणियों में अपने हुनर का प्रदर्शन किया।


तीन घंटे चले संगीत के इस महामुकाबले में फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए पार्श्व गायिका जसपिंदर नरूला ने प्रतिभाओं को सुना और उनके हुनर की सराहना की इस ग्रांड फिनाले में दस विभिन्न श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय के आधार पर कुल 36 प्रतिभाओं का चयन किया जिन्हें समारोह के अंत में नकद पुरस्कार, ट्राफी और स्वर शिरोमणि 2024 उपाधि से अलंकृत किया गया गया। 


विजेताओं को जसपिंदर नरूला, पद्मश्री एस. शाकिर अली, पद्मश्री तिलक गिताई, मुख्य आयोजक मरु कोकिला सीमा मिश्रा, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के संस्थापक सीए ओ.पी. अग्रवाल, चॉइस ग्रुप, मुंबई के संस्थापक कमल पोद्दार, डॉ. प्रकाश छबलानी और प्रतियोगिता के राष्ट्रीय संयोजक शिव विनायक शर्मा ने सम्मानित किया।


सीमा मिश्रा भारत की छुपी हुई गायन प्रतिभाओं को खोजने तथा शास्त्रीय एवं लोक संगीत के संवर्धन में अतुल्यनीय कार्य कर रही हैं।संगीत प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर इनमें निखार लाते हुए इन्हें सशक्त और प्रभावशाली मंच प्रदान कर रही जो अब तक मैंने भी नहीं किया। मैं चाहती हूं पूरे ब्रह्मांड में संगीत की गूंज हमेशा कायम रहे:जसपिंदर नरुला


अंखियों से गोली मारे गाने के साथ स्वागत हुआ समारोह की मुख्य अतिथि सुविख्यात पार्श्व गायिका जसपिंदर नरूला का। मरु कोकिला सीमा मिश्रा, शिव विनायक शर्मा,कमल पोद्दार और ओ. पी अग्रवाल ने उनका स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भेट किया। 


जसपिंदर नरूला ने कहा कि मुझे बहुत खुशी हो रही है इस भव्य प्रोग्राम का हिस्सा बनकर।उन्होंने कहा कि वैसे तो मेरे लिए तो भारत के सभी प्रांत पूजनीय है, पर राजस्थान तो मेरे आध्यात्म से भरी एक देवभूमि है।


मरु कोकिला सीमा मीश्रा को सराहते हुए उन्होंने कहा कि

सीमा मिश्रा भारत की छुपी हुई गायन प्रतिभाओं को खोजने तथा शास्त्रीय एवं लोक संगीत के संवर्धन में अतुल्यनीय कार्य कर रही हैं।संगीत प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर इनमें निखार लाते हुए इन्हें सशक्त और प्रभावशाली मंच प्रदान कर रही जो अब तक मैंने भी नहीं किया।


बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम होते रहना चाहिए।विधा ग्रहण करना बहुत जरूरी है और उससे भी ज्यादा जरूरी है उसका दान।प्रतियोगियों के साथ उनके पेरेंट्स को भी सराहा जिन्होंने अपने बच्चों को क्लासिकल संगीत से जोड़ रखा है। जड़ो से जुड़े रहने के लिए जरूरी है कि हम क्लासिकल संगीत से बंधे रहे नहीं तो ये लुप्त हो सकते है,जैसे और पारंपरिक कलाएं लुप्त हो चुकी हैं।


बचपन से सूफी और गुरबाणी गानें से ही आध्यात्म की तरफ रूझान बढ़ता गया।उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं पूरे ब्रह्मांड में संगीत की गूंज हमेशा कायम रहे।


इन प्रतिभाओं को दिए गए अवार्ड

लोक संगीत बाल वर्ग हर्ष सोनी, अविका सक्सेना, सिद्धि शर्मा, तरूण वर्ग में मैना राव, आकांक्षा शर्मा, मोहित चौहान, युवा वर्ग में तेजपाल सिंह नरवर, राधकिशन नायक, गजेन्द्र सिंह राजपुरोहित, शास्त्रीय संगीत बाल वर्ग नित्यांश त्रिवेदी, नवनीत पंजाबी, तनिष्क श्रीवास्तव, तरूण वर्ग भारती मीणा, राहुल कस्वा, नंदलाल पारीक, युवा वर्ग में डॉ. चंद्रकला स्वामाी, टीकमदान चारण, सी. लक्ष्मीनारायण, पूजा मोठिया, सुगम संगीत बाल वर्ग में रूद्र गौड़ गुवाहाटी, अदिती वत्स, जानवी बसाक गुवाहाटी, तरूण वर्ग माही लाम्बा, काजल जादो, मयंक, युवा वर्ग में रोमिी निगम, पायल जैन गुवाहाटी, सोनी चंद्रवंशी तथा वरिष्ठ वर्ग में शिवकुमार सोनी, प्रियंका पुरोहित व प्रतीक गंगवाल को स्वर शिरोमणि 2024 से अलंकृत किया गया।


इस भव्य संगीत समारोह में शिक्षा, संगीत, कला, साहित्य, फिल्म, उद्योग, व्यापार जगत सहित विभिन्न क्षेत्रों की पूरे देश भर से आई अनेक प्रसिद्ध नामचीन हस्तियां मौजूद रही।


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