भारतीय डाक ने अपनी 'बुक पोस्ट' सेवा को अचानक बंद कर दिया है, जिससे पुस्तक प्रेमियों, छोटे प्रकाशकों और पुस्तक उद्योग में चिंता की लहर दौड़ गई है। इस सेवा के माध्यम से 5 किलोग्राम तक की पुस्तकें मात्र ₹80 में भेजी जा सकती थीं, जो अब संभव नहीं होगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस निर्णय की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है; बल्कि इसे चुपचाप डाक सॉफ्टवेयर से हटा दिया गया है।
इस सेवा के बंद होने से पुस्तक वितरण की लागत में वृद्धि होगी, जिससे छोटे प्रकाशकों और पाठकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे देश में पढ़ने की संस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इसके अतिरिक्त, रजिस्टर्ड डाक सेवा में भी बारकोड की कमी के कारण बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, जिससे लोगों को स्पीड पोस्ट जैसी महंगी सेवाओं का उपयोग करना पड़ रहा है।
इस संदर्भ में, भारतीय डाक ने जनवरी 2024 में 'क्लिक एन बुक' सेवा शुरू की थी, जो ग्राहकों को स्पीड पोस्ट, पंजीकृत पत्र और पार्सल बुक करने की ऑनलाइन सुविधा प्रदान करती है।
हालांकि, 'बुक पोस्ट' सेवा के अचानक बंद होने से पुस्तक प्रेमियों और उद्योग से जुड़े लोगों में निराशा व्याप्त है, और वे इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।
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