हनुमान चालीसा चौपाई का एक-एक शब्द दिव्य है: पं. विजय शंकर मेहता
गुवाहाटी। महिलाओं की अग्रणी संस्थाओं में से एक चेतना लेडीज क्लब की ओर से आयोजित दो दिवसीय प्रेरक कार्यक्रम ‘हमारे हनुमान’ का शानदार समापन बृहस्पतिवार को हुआ। दशकों से खचाखच भरे सभागार में कार्यक्रम के दूसरे दिन कथा के शुभारंभ से पूर्व मुख्य प्रायोजक राजस्थान लाइम उद्योग के प्रमुख तथा समाजसेवी जगदीश अग्रवाल ने व्यासपीठ पर विराजमान जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता को माल्यार्पण कर तथा उनसे आशीर्वाद लेकर किया। तत्पश्चात दो दिवसीय जीवन प्रबंधन कार्यक्रम ‘हमारे हनुमान’ के दूसरे दिन पंडित विजय शंकर मेहता ने हनुमान चालीसा और परिवार प्रबंधन पर प्रेरक बातें कहीं। अंतिम दिन व्यासपीठ से जीवन प्रबंधन गुरु पं. विजयशंकर मेहता ने हनुमान चालीसा की व्याख्या करते हुए परिवार प्रबंधन के सूत्र बताए। उन्होंने कहा परिवार के केंद्र में भगवान होना चाहिए और परिधि पर संसार रहे तो परिवार कभी नहीं टूटेगा। हनुमान चालीसा कोई साधारण पंक्तियां नहीं है। इसकी एक-एक चौपाई और उनका एक-एक शब्द दिव्य है। कुल मिलाकर यह एक महामंत्र है जीवन में शांति प्राप्त करने का। तुलसीदास जी ने इसकी हर पंक्ति में हनुमानजी का शब्दावतार करवाया है। जीवन में जब कोई गुरु न मिले तो हनुमानजी को गुरु और हनुमान चालीसा को मंत्र बना लीजिए। फिर देखिए किस तरह आनंद बरसता है। पं. मेहता ने परिवार प्रबंधन की सुंदर व्याख्या करते हुए कहा प्रेम और समर्पण परिवार में सफलता और शांति की दो धुरियां हैं। जहां सदस्यों में आपस में प्रेम व समर्पण का भाव नहीं होता, वह घर महाभारत का अखाड़ा बन जाता है। हनुमानजी परिवार के देवता हैं। जब भी लगे जीवन में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है, निराशा-अशांति घेर रही है, परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो हनुमानजी से जुड़ जाइए, और इसका सबसे अच्छा साधन है हनुमान चालीसा। जिसने जीवन को हनुमानजी से जोड़ लिया, फिर उसे सफलता के पीछे भागने की जरूरत नहीं पड़ती। सफलता खुद उसके पास दौड़ी आती है।
समापन अवसर पर चेतना लेडीज क्लब की अध्यक्ष आशा अग्रवाल, सचिव रेणु मंगलुनिया, कोषाध्यक्ष सुनीता सिवोटिया सहित सभी सदस्याओ ने मंच पर जाकर गुरुजी से आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम का संचालन सुधा बजाज ने किया। दो दिवसीय जीवन प्रबंधन कार्यक्रम ‘हमारे हनुमान’ को सफल एवं यादगार बनाने के लिए चेतना लेडीज क्लब की ओर से सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें