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असम के माजुली द्वीप पर अफाला घाट पर एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय निवासियों, साधुओं, नाविकों और जल परिवहन विभाग के अधिकारियों ने ब्रह्मपुत्र नदी की आराधना की। इस अनुष्ठान का उद्देश्य आगामी मानसून के दौरान बाढ़ और कटाव से सुरक्षा की प्रार्थना करना था।
दक्षिणपाट सतरा के जनार्दन देव गोस्वामी ने बताया, "हमने ब्रह्मपुत्र से प्रार्थना की कि वह हमारे द्वीप की रक्षा करें और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।" हर वर्ष मानसून के समय जल स्तर बढ़ने से माजुली में बाढ़ और कटाव का खतरा रहता है, जिससे स्थानीय जीवन प्रभावित होता है।
यह वार्षिक अनुष्ठान माजुली के निवासियों की ब्रह्मपुत्र के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है। यह न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि एक सामूहिक अपील भी है, जो प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा की कामना करती है।
माजुली, जो कि विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है, अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहां के सतरा (वैष्णव मठ) और स्थानीय परंपराएं इस द्वीप को विशेष बनाती हैं।
इस अनुष्ठान के माध्यम से माजुली के लोग न केवल अपनी आस्था प्रकट करते हैं, बल्कि अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
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