लखीमपुर से राजेश राठी और ओम प्रकाश तिवाड़ी की रिपोर्ट
लखीमपुर। सरकारी योजनाओं से इतर, आम नागरिकों के सहयोग और शुभचिंतकों की मदद से लखीमपुर जिले में एक प्रेरणादायक पहल की जा रही है। लखीमपुर सदर थाना परिसर में एक अत्याधुनिक और सुविधासंपन्न भवन का निर्माण होने जा रहा है, जिसका संचालन और स्वामित्व लखीमपुर नागरिक समिति कर रही है। यह भवन किसी भी सरकारी योजना के अंतर्गत नहीं बनाया जा रहा है, बल्कि इसका संपूर्ण वित्तीय बोझ समाज के जागरूक नागरिकों और दानदाताओं के सहयोग से लखीमपुर नागरिक समिति द्वारा उठाया जा रहा है। बुधवार को एक औपचारिक कार्यक्रम में इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी गई। कार्यक्रम में लखीमपुर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक मानव डेका मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने विधिवत फीता काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और फिर भवन के शिलान्यास कार्य को सम्पन्न किया। इस अवसर पर लखीमपुर के उपायुक्त प्रणवजीत काकती, जिला पुलिस अधीक्षक गुणेन्द्र डेका सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सभी ने मिलकर इस परियोजना की प्रशंसा की और इसे एक "सामाजिक उत्तरदायित्व की मिसाल" बताया। विधायक मानव डेका ने अपने संबोधन में कहा,"यह भवन सिर्फ एक ईंट-पत्थर की संरचना नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज की सामूहिक चेतना, सहयोग और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। वर्षों से नागरिक समिति को एक ऐसे भवन की आवश्यकता थी, जहाँ वे अपने सामाजिक, प्रशासनिक और विकासात्मक गतिविधियों का संचालन कर सकें। अब वह सपना साकार होने जा रहा है।" पुलिस अधीक्षक गुणेन्द्र डेका ने भी अपने वक्तव्य में इस परियोजना को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि "यह भवन प्रशासन और नागरिकों के बीच एक सेतु की तरह कार्य करेगा। इसकी आधुनिक सुविधाएं आने वाले समय में कई गतिविधियों और आयोजनों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगी।"इस भवन को अत्याधुनिक ढंग से बनाया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस परियोजना के लिए कोई सरकारी फंड नहीं लिया गया है। यह पूरी तरह आम जनता, समाजसेवियों, उद्यमियों और स्थानीय शुभचिंतकों के आर्थिक सहयोग से लखीमपुर नागरिक समिति द्वारा निर्मित किया जा रहा है। यह अपने आप में एक दुर्लभ उदाहरण है, जहाँ सरकारी तंत्र की अपेक्षा जनसहयोग ने एक बड़ी पहल को जन्म दिया है। लखीमपुर में बन रहा यह भवन समाजिक सहयोग और आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण है। यह न केवल नागरिक समिति की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को समाज के प्रति उत्तरदायित्व और एकजुटता का भी संदेश देगा। यह भवन निश्चित रूप से असम के सामाजिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
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