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शिलांग में शिक्षाकोष की जमीन का विवाद गहराया

 


शिलांग से सुशील दाधीच


ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी से ब्राह्मणों में रोष व्याप्त

शिलांग।  शिलांग मे स्थित शिक्षाकोष की जमीन एक धरोहर है जो आज विवाद के घेरे में है। शहर में स्थित शिलांग काॅलेज के पास हजारों फुट ज़मीन है जो शिक्षा के नाम पर प्रस्तावित है। जिसके लिए पिछले काफी सालों से शिलांग एवं गुवाहाटी के बीच एक विवाद चल रहा है। कई बार मामला दर्ज हुआ। कोर्ट कचहरी से स्टे हुआ। कई बार उस जमीन को गुवाहाटी के पदाधिकारियों के द्वारा बेंचने का प्रयास किया गया। मगर मामला खटाई में पड़कर कोर्ट-कचहरी की फाइलों में दबा हुआ पड़ा है। शिलांग के सामाजिक कार्यकर्ता पवन शर्मा ने बताया कि दिनांक 25 मई 2025 को गुवाहाटी में शिक्षाकोष की कार्यकारिणी की सभा हुई थी और इसके पहले भी दिनांक 20 अक्टूबर 2024 को शिक्षाकोष कार्यकारिणी की सभा हुई थी। उस मीटिंग में शिलांग में स्थित शिक्षा कोष की जमीन को लेकर काफी चर्चाएं हुई जब की पवन शर्मा भी शिक्षाकोष की कार्यकारिणी में सदस्य है। रितेश बावरी (गुवाहाटी) भी कार्यकारिणी सदस्य है।उन्होंने पिछली सभा में एक गैर संवैधानिक व आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया था जो बहुत ही निंदनीय है। रितेश बावरी ने शिलांग के पूरे मारवाड़ी समाज की तरफ इशारा करते हुए कहा था की जिस तरह से राजस्थान में ब्राह्मण लोग जमीन पर कब्जा करते हैं। उसी तरह से शिलांग समाज के लोग भी जमीन पर अपना हक जमाते हैं ।उस वक्त इसका विरोध किया गया और यह कहा गया कि अपने शब्द वापस लो। परंतु रितेश बावरी अपनी बात वापस लेने को तैयार नहीं हुआ।


 फिर शिक्षाकोष कार्यकारिणी के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने कहा था कि हम कहेंगे रितेश बावरी से अपने शब्द वापस लेगा और इसके लिए क्षमा भी मांगेगा कुछ समय दीजिए।


उन सभी की बात को स्वीकार करते हुए रितेष बावरी को समय दिया गया था। मगर दिनांक 25 मई 2025 को गुवाहाटी में कार्यकारिणी की सभा फिर हुई परंतु उस सभा में भी रितेश बावरी का व्यवहार पहले की तरह ही देखा गया। रितेष बावरी ने केवल एक समाज पर नहीं बल्कि शिलांग के समस्त मारवाड़ी समाज पर एवं समस्त राजस्थानी ब्राह्मण समाज पर अंगुली उठाकर समाज को बांटने का प्रयास किया है। मगर शिलांग का मारवाड़ी समाज एक था और हमेशा एक ही रहेगा। अब यह फैसला समाज को करना है कि उस के संकेत को कड़ा जबाब देवें और अपने शब्द वापस ले जिसके लिए सभा करें।


शिलोंग में स्थित शिक्षा कोष की जमीन एक पुस्तेनी धरोहर है। जिसको कभी गर्द में नहीं जाने देंगे एवं गुवाहाटी शिलोंग सहित समस्त पूर्वोत्तर के राजस्थानी ब्राह्मण संगठनों से अपील करते हुए कहा कि बहुत जल्दी ही गुवाहाटी में एक सामुहिक सभा बुलाकर रितेष बावरी से इसका जबाब मांगा जाएगा। अगर रितेश बावरी समाज से माफ़ी नहीं मांगता है तो एक मुक़दमा दर्ज कराकर धरना-प्रदर्शन और आंदोलन भी किया जाएगा।

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