रात का सन्नाटा था, जैसलमेर की पहाड़ियों में हल्की ठंडक थी, लेकिन आसमान में मंडराते खतरे ने हर दिशा में हलचल मचा दी। जब लोग सोने की तैयारी में थे, तभी आसमान में तेज़ गर्जना के साथ कुछ धातु के टुकड़े गिरने लगे। देखते ही देखते अलर्ट जारी हुआ, और भारतीय सेना की तेज़ नज़रें सक्रिय हो गईं। जैसलमेर की सरहद पर गुरुवार की रात कुछ ऐसा हुआ, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को एक बार फिर चौकन्ना कर दिया।
गुरुवार रात करीब 9 बजे पाकिस्तान की ओर से जैसलमेर और पोकरण क्षेत्र के सैन्य ठिकानों को टारगेट बनाते हुए दर्जनों ड्रोन के जरिए हमले की कोशिश की गई। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन सभी ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। सेना की इस सतर्कता से एक बड़ा खतरा टल गया।
हमले के बाद जैसलमेर शहर की सीमा पर स्थित सूली डूंगर नामक पहाड़ी क्षेत्र में पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा बरामद हुआ है। सेना ने पूरे क्षेत्र को घेरकर मलबे को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच शुरू कर दी गई है।
शुक्रवार सुबह जैसलमेर के किशनघाट क्षेत्र में एक जिंदा बम मिलने से हड़कंप मच गया। यह बम संभवतः ड्रोन से गिराया गया था लेकिन फटा नहीं। ग्रामीणों की सूचना पर तुरंत पुलिस और एयरफोर्स की टीम मौके पर पहुंची और बम को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू की गई।
जिला हाई अलर्ट पर, स्कूल बंद और ट्रेनों पर असर
इन घटनाओं को देखते हुए जैसलमेर जिले में शुक्रवार को भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षा के लिहाज से जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। कई ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से रद्द कर दी गई हैं, और सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह हमला ‘स्वार्म ड्रोन अटैक’ पैटर्न में किया गया था, जिसमें कई ड्रोन एक साथ भेजे जाते हैं। यह पाकिस्तान की एक सुनियोजित साजिश थी, जिसे भारतीय सेना ने अपनी तत्परता से विफल कर दिया। सूत्रों की मानें तो सीमावर्ती क्षेत्रों में आने वाले दिनों में सुरक्षा और बढ़ाई जा सकती है।
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