प्रवेश मिश्र
मेघालय के सोहरा क्षेत्र में पर्यटक राजा रघुवंशी की नृशंस हत्या ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। लेकिन इस दुखद घटना की आड़ में जिस तरह से सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनल्स और कुछ राष्ट्रीय स्तर के मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने पूरे मेघालय राज्य और इसके जनजातीय समुदायों को कठघरे में खड़ा कर दिया, वह न केवल निंदनीय है बल्कि एक सभ्य समाज के लिए अत्यंत खतरनाक प्रवृत्ति है।
राजा रघुवंशी की हत्या की स्थानीय जनजातीय संगठनों ने न केवल कड़ी निंदा की, बल्कि उन्होंने सोहरा के सेटशोपेन कम्युनिटी फील्ड में कैंडल मार्च निकालकर मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। जनजातीय समुदायों द्वारा आयोजित रैली में हाथों में लिए गए प्लेकार्ड्स ने यह साफ संदेश दिया कि "हम पर्यटकों को प्यार करते हैं", "पर्यटक हमारे घर के मेहमान हैं", "हम हर कदम पर पर्यटकों के साथ हैं"।
इन संदेशों में छिपी आत्मीयता यह सिद्ध करती है कि मेघालय के मूल निवासी न केवल एक अतिथि सत्कार की परंपरा में विश्वास रखते हैं, बल्कि उन्होंने समय-समय पर अपने व्यवहार और कार्यों से यह साबित भी किया है। मेघालय, जहां मातृसत्तात्मक समाज है और महिलाओं को विशेष सम्मान प्राप्त है, वहां पर स्त्री और पर्यटक सुरक्षा का यह स्तर अभूतपूर्व है।
मेघालय की जनजातियों में अधिकांश लोग ईसाई धर्म को मानते हैं, और इन समुदायों के मूल में प्रेम, करुणा और दया की भावना निहित है। ऐसे में इस हृदयविदारक हत्या को पूरे राज्य की छवि पर थोप देना पूरी तरह से अनुचित है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद जिस तरह से बिना तथ्यों की पुष्टि के सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनलों पर झूठी खबरें फैलाई गईं, वह एक खतरनाक मिसाल पेश करती है। किसी राज्य की संस्कृति, समुदाय और प्रशासन को बिना साक्ष्य के बदनाम करना न केवल नैतिक अपराध है, बल्कि यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की मूल भावना के भी खिलाफ है।
कुछ यूट्यूब चैनलों ने तो सोहरा को अपराधियों का अड्डा तक बता दिया और उसे बांग्लादेश से जुड़ी मानव तस्करी की घटनाओं से जोड़ने का भी प्रयास किया। जबकि मेघालय के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से यह कहा था कि अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर कानून के दायरे में लाया जाएगा। राज्य की पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी सोनम और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर शिलांग ला खड़ा किया।
इस पूरे मामले में एक और तथ्य जो सामने आया, वह था एक स्थानीय पर्यटक गाइड की भूमिका, जिसने अपराधियों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दी। यह दर्शाता है कि मेघालय की जनता कानून के साथ है और अपराधियों को संरक्षण नहीं देती।
किसी भी राज्य या समाज को एक घटना के आधार पर आंकना खतरनाक होता है। मेघालय ने इस घटना के बाद जो परिपक्वता, संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई दिखाई, वह देश के अन्य हिस्सों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है।
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