कोकराझार: असम के बोडोलैंड क्षेत्र में ज़मीन को लेकर विरोध की लहर तेज हो गई है। 'नो लैंड फॉर अडानी' और 'लैंड जस्टिस' जैसे नारों के साथ हजारों लोगों ने प्रदर्शन करते हुए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे अपनी ज़मीन किसी निजी कॉर्पोरेट घराने को नहीं सौंपेंगे।
यह आंदोलन कथित रूप से अडानी ग्रुप को कृषि प्रोसेसिंग यूनिट के लिए दी जा रही भूमि के खिलाफ हो रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह ज़मीन आदिवासी समुदाय की आजीविका और पहचान से जुड़ी है और इसे किसी भी कीमत पर कॉर्पोरेट हाथों में नहीं जाने दिया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने यह आरोप भी लगाया कि यह ज़मीन बिना स्थानीय लोगों की सहमति के अधिग्रहित की जा रही है। उन्होंने सरकार पर जनहित की अनदेखी करने और कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बोडोलैंड के सामाजिक संगठनों, छात्र यूनियनों और स्थानीय नागरिकों की बड़ी भागीदारी देखी गई। उन्होंने कहा कि यह केवल ज़मीन की लड़ाई नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय, पहचान और पारंपरिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई है।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा।
सही कर रहे हैं बोडो समाज के लोग वरना ये पूंजीपति किसी को भी नहीं बख्शेंगे
जवाब देंहटाएं