गुवाहाटी। राजस्थानी समाज की एकता, परंपरा और सामाजिक चेतना का प्रतीक राजस्थान फाउंडेशन असम (नॉर्थ ईस्ट) चैप्टर की प्रथम कार्यकारिणी बैठक गुवाहाटी स्थित सत्यम ग्रुप, अनील प्लाज़ा, जी.एस. रोड में गरिमा, उत्साह और समर्पण के साथ सम्पन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता रतन शर्मा ने की, जबकि संचालन महासचिव शंकर बिड़ला द्वारा किया गया। बैठक में संगठन की संरचना, सदस्यता विस्तार, युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठजनों की भागीदारी, तथा भविष्य की योजनाओं जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
सर्वसम्मति से यह संकल्प पारित किया गया कि राजस्थान फाउंडेशन के समस्त कार्यक्रम पारदर्शिता, एकजुटता एवं समर्पण की भावना से संचालित किए जाएंगे। अध्यक्ष रतन शर्मा ने जानकारी दी कि असम के मुख्यमंत्री से सकारात्मक संवाद हुआ है और शीघ्र ही फाउंडेशन को भवन हेतु उपयुक्त भूमि मिलने की संभावना है।
यह भी निर्णय लिया गया कि गुवाहाटी की तर्ज पर पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य में समाज के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, जिससे संगठन को और अधिक सशक्त रूप दिया जा सके।
बैठक में उपाध्यक्ष महावीर जैन, प्रदीप भड़ेच और विजय सिंह डागा सहित अनेक वरिष्ठ सदस्यों ने प्रेरणादायी सुझाव दिए। सभी कार्यकारिणी सदस्यों ने संगठन को मजबूत करने और अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ने का संकल्प लिया।
एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत यह भी तय किया गया कि असम के साहित्यकारों को राजस्थान आमंत्रित कर सांस्कृतिक समन्वय को प्रोत्साहित किया जाएगा।
बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित गणमान्यजन:
महावीर जैन – अध्यक्ष, दिगम्बर जैन पंचायत
प्रदीप अग्रवाल भड़ेच – ट्रस्टी, श्री गोहाटी गोशाला
विजय सिंह डागा – पूर्व सचिव, तेरापंथ सभा
शंकर बिड़ला – अध्यक्ष, मारवाड़ी सम्मेलन (गुवाहाटी शाखा)
अजय भंसाली – सचिव, आचार्य महाश्रमण रिसर्च फाउंडेशन
नारायण सिंह नरूका – अध्यक्ष, राजपूत महासभा
दिनेश पारीक – अध्यक्ष, पारीक सभा
रमेश कुमार चांडक – महामंत्री, मारवाड़ी सम्मेलन (पूर्वोत्तर)
बजरंग सुराणा – निवर्तमान अध्यक्ष, तेरापंथ सभा
निर्मल कुमार गोलछा – अध्यक्ष, जैन श्वेतांबर साधुमार्गी समता संघ
गणेश कुमार चौधरी – अध्यक्ष, पूर्वोत्तर जाट समाज
महेश चाचान – पूर्व अध्यक्ष, मारवाड़ी सम्मेलन एवं अग्रवाल समिति, शिलांग
हेमंत वर्मा – प्रतिनिधि, त्रिपुरा सभा
सभा के समापन पर सभी सदस्यों ने एक स्वर में यह संकल्प लिया:
“राजस्थान फाउंडेशन के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत में बसे प्रत्येक राजस्थानी को एक सशक्त मंच प्रदान कर, हम अपने सांस्कृतिक, सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों को सुरक्षित एवं समृद्ध करेंगे।”
महासचिव शंकर बिड़ला ने आभार ज्ञापन करते हुए नारा दिया:
“हर घर राजस्थानी – हर मन राजस्थानी। यही है हमारा उद्देश्य, यही है हमारी पहचान।”
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