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पूर्वोत्तर भारत में राजस्थान भवन की स्थापना को लेकर ऐतिहासिक पहल, जयपुर में होगा 'पूर्वोत्तर भारत सांस्कृतिक उत्सव'

 


गुवाहाटी। पूर्वोत्तर भारत में बसे राजस्थानियों की सांस्कृतिक पहचान, सामाजिक समरसता और भावनात्मक एकता को सुदृढ़ करने की दिशा में राजस्थान फाउंडेशन असम एवं नॉर्थईस्ट चैप्टर ने एक ऐतिहासिक पहल की है। इस दिशा में गुवाहाटी में एक 'राजस्थान भवन' की स्थापना की योजना अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। यह भवन न केवल राजस्थानियों के लिए एक सामुदायिक केंद्र बनेगा, बल्कि यह राजस्थान और पूर्वोत्तर भारत के बीच सांस्कृतिक सेतु का भी कार्य करेगा।


राजस्थान भवन: संस्कृति, एकता और सहयोग का प्रतीक


हाल ही में असम सरकार के मुख्य सचिव के साथ आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में राजस्थान फाउंडेशन के अध्यक्ष रतन शर्मा ने राजस्थान भवन की आवश्यकता, उद्देश्य और इसके सांस्कृतिक महत्व को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। शर्मा ने बताया कि भवन का उद्देश्य न केवल प्रवासी राजस्थानियों को एक मंच देना है, बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों और राजस्थान के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक एकता को और अधिक सुदृढ़ करना है।


बैठक में यह जानकारी दी गई कि कामाख्या मंदिर के निकट एक उपयुक्त भूमि स्थल की पहचान की जा चुकी है, और भूमि आवंटन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विभिन्न विभागीय औपचारिकताओं को तीव्र गति से पूर्ण किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी 1 से 2 महीनों में यह भूमि राजस्थान सरकार को विधिवत रूप से आवंटित कर दी जाएगी।


असम सरकार के मुख्य सचिव ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा,


> “ऐसे ही प्रयासों से समाज और राज्यों के बीच समझ, विश्वास और समरसता बढ़ती है। राजस्थान भवन न केवल एक संरचना होगी, बल्कि यह आपसी संबंधों और साझेदारी का प्रतीक बनेगा।”

जयपुर में 'पूर्वोत्तर भारत सांस्कृतिक उत्सव' का आयोजन


राजस्थान भवन परियोजना के साथ-साथ एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए राजस्थान फाउंडेशन के अध्यक्ष रतन शर्मा ने बताया कि फाउंडेशन जल्द ही जयपुर में 'पूर्वोत्तर भारत सांस्कृतिक उत्सव' का आयोजन करेगा। यह आयोजन एक अनूठा प्रयास होगा जिसमें पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विविधता को राजस्थान की जनता के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।इस भव्य उत्सव में पूर्वोत्तर भारत के सभी मुख्यमंत्रियों, प्रमुख कलाकारों, शिल्पकारों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा। आयोजन का उद्देश्य राजस्थान और पूर्वोत्तर भारत के बीच सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक संबंधों को प्रगाढ़ करना है।श्री शर्मा ने आगे बताया कि “यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि दो भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के बीच आत्मीय रिश्तों की एक नई शुरुआत होगी। हमें विश्वास है कि इस आयोजन से दोनों क्षेत्रों के लोगों में आपसी समझ, सद्भाव और सहयोग की भावना और प्रबल होगी।”राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री, संस्कृति मंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों की सक्रिय भागीदारी इस आयोजन में सुनिश्चित की जाएगी।राजस्थान भवन की स्थापना और 'पूर्वोत्तर भारत सांस्कृतिक उत्सव' जैसे आयोजन यह दर्शाते हैं कि राजस्थान फाउंडेशन प्रवासी समुदाय को केवल जोड़ने का कार्य नहीं कर रहा, बल्कि राज्य और राष्ट्र के बीच सांस्कृतिक पुल बनाने की दिशा में भी गंभीर प्रयास कर रहा है। यह पहल न केवल राजस्थानियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और विविधता की भावना को भी मजबूती प्रदान करेगा।

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