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हरखाड (गुढ़ियारी) में सावन मास के अवसर पर निःशुल्क कांवड़िया सेवा शिविर का भव्य शुभारंभ

 

हरखाड (गुढ़ियारी)। श्रावण मास के पावन अवसर पर असम धर्मशाला, हरखाड (गुढ़ियारी) परिसर में आज निःशुल्क कावड़िया सेवा शिविर का भव्य उद्घाटन श्रद्धा, भक्ति और सेवा भाव के वातावरण में सम्पन्न हुआ। शिविर का शुभारंभ स्थानीय चांदन थाना प्रभारी बिशन देव प्रसाद यादव ने फीता काटकर विधिवत रूप से किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और आम श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 10:30 बजे हुआ, जिसमें सबसे पहले अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र देकर किया गया। इसके पश्चात विधिवत रूप से शिविर का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन समारोह में गौरीपुर पंचायत के मुखिया प्रमोद मंडल, प्रतिष्ठित समाजसेवी गिरधारी यादव, तथा पुलिस विभाग से कांस्टेबल सतीश कुमार, कांस्टेबल बाबर खान और कांस्टेबल सुश्री बबीता विशेष रूप से मौजूद रहे।


कार्यक्रम का संचालन युवा समाजसेवी सुरेन्द्र लड्डा ने अत्यंत कुशलता और गरिमापूर्ण शैली में किया। उन्होंने मंच से सभी विशिष्ठ अतिथियों का परिचय कराते हुए उनका सम्मान भी किया। उन्होंने कहा कि यह शिविर शिवभक्त कावड़ियों की सेवा के माध्यम से समाज में भक्ति और भाईचारे की भावना को मजबूत करता है।


इस अवसर पर क्षेत्र के दो वयोवृद्ध समाजसेवी दीपचंद गर्ग एवं भीष्म गुप्ता का विशेष योगदान उल्लेखनीय रहा। वर्षों से समाज सेवा में अग्रणी रहे इन दोनों वरिष्ठजनों के मार्गदर्शन में इस शिविर की संकल्पना और रूपरेखा तैयार की गई है। उन्होंने उद्घाटन समारोह में अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि “कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह सेवा, समर्पण और संयम की जीवंत मिसाल है।”यह निःशुल्क कांवड़िया सेवा शिविर पूरे सावन मास भर चलेगा। शिविर में देशभर से आने वाले कांवड़ियों के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिनमें विशेष रूप से थके हुए कावड़ियों के विश्रामके लिए साफ-सुथरी चारपाइयों व गद्दों की व्यवस्था, दिनभर ठंडे पानी की व्यवस्था, नींबू शरबत एवं सत्तू वितरण, ऊर्जा प्रदान करने हेतु प्राकृतिक पेय और भोज्य पदार्थ,प्राथमिक चिकित्सा सेवा मे चोट, थकान या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं हेतु दवाइयों और मरहम की सुविधा के अलावा विशेष रूप से अनुभवी व्यक्तियों द्वारा थकान मिटाने हेतु पारंपरिक मालिश की व्यवस्था रहेगी।धर्मशाला प्रबंधन समिति की ओर से क्षेत्रवासियों, श्रद्धालुओं और समाजसेवियों से आग्रह किया गया है कि वे तन, मन और धन से इस सेवा यज्ञ में सहभागी बनें।


गुवाहाटी से पधारे आसाम धर्मशाला के सचिव शंकर बिड़ला ने उद्घाटन समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "कावड़ियों की सेवा ही हमारे इस आयोजन की सबसे बड़ी पूंजी है। शिवभक्तों की सुविधा ही हमारा परम कर्तव्य है, और यह शिविर उसी भावना का जीवंत उदाहरण है।


उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों का सहयोग इस शिविर को सफल बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं से सेवा कार्यों में जुड़ने की भी अपील की।यह शिविर केवल सेवा का माध्यम नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और समाजसेवा का संगम है। श्रावण मास में शिवभक्तों की सेवा कर पुण्य अर्जन का यह अवसर सभी को एक साथ आने का निमंत्रण देता है। शिविर का वातावरण भक्तिमय गीतों, जयकारों और सेवा भाव से सराबोर रहा।सावन में कावड़ यात्रा करने वाले श्रद्धालु अत्यधिक परिश्रम करते हैं, और ऐसे सेवा शिविर उनके लिए वरदान समान होते हैं। असम धर्मशाला द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल सामाजिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि धार्मिक मूल्यों की भी पुनर्प्रस्थापना करता है।

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