लखीमपुर से राजेश राठी और ओमप्रकाश तिवाड़ी की रिपोर्ट
लखीमपुर। श्री श्री सीतारामजी ठाकुरबाड़ी समिति के तत्वावधान में आगामी 15, 16 और 17 अगस्त को तीन दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन इस बार एक ऐतिहासिक अवसर बनने जा रहा है। इस वर्ष ठाकुरबाड़ी मंदिर में पहली बार रासलीला का मंचन होगा, जिसके कारण श्रद्धालुओं का उत्साह आसमान छू रहा है। वहीं नन्दमहोत्सव, जो मंदिर की वर्षों पुरानी परंपरा है, अपने पूरे उल्लास के साथ अंतिम दिन आयोजित किया जाएगा। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर ठाकुरबाड़ी मंदिर को पुष्पों, हरी-भरी बेल-पत्तियों और रंग-बिरंगी झालरों से इस प्रकार सजाया जाएगा कि पूरा परिसर मानो वृंदावन की आध्यात्मिक छटा से आच्छादित हो उठे। तैयारियां युद्ध-स्तर पर चल रही हैं, और समिति का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को तीनों दिनों में भक्ति, आनंद और सांस्कृतिक वैभव का अनुपम अनुभव प्राप्त हो। पहले दिन 15 अगस्त की शुरुआत सुबह 11 बजे से बच्चों, किशोरों और युवाओं के लिए विभिन्न खेलकूद एवं मानसिक कौशल प्रतियोगिताओं से होगी, जिनमें याद्दाश्त परीक्षा, एकाग्रता (ध्यान) परीक्षा, मटकी फोड़, म्युज़िकल चेयर और पिरामिड बनाना शामिल हैं। इसके बाद शाम 7 बजे से जोरहाट के उदयन शिल्पी मंच द्वारा रासलीला का भव्य मंचन किया जाएगा — ठाकुरबाड़ी के इतिहास में पहली बार होने जा रही इस रासलीला में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर उनकी अद्भुत बाल-लीलाओं को केंद्र में रखा जाएगा। पूतना वध, कालिया नाग मर्दन, माखन चोरी, गोपियों के साथ प्रेमिल रास और गोकुल की रंगीन छवियों को संगीत, नृत्य और नाट्य के अद्वितीय समन्वय के साथ इस प्रकार जीवंत किया जाएगा कि दर्शक भाव-विभोर होकर स्वयं को द्वापर युग के ब्रज में अनुभव करेंगे। दूसरे दिन 16 अगस्त की शाम 6 बजे से भव्य श्रृंगार एवं सजीव झाँकी का आयोजन होगा, जिसमें जोरहाट से आए कलाकारों द्वारा भगवान के विभिन्न रूपों की मनोहारी झलकियाँ प्रस्तुत की जाएंगी। इसके पश्चात भगवत स्वरुप वेशभूषा सजीव झांकी (12 वर्ष तक), सामूहिक भजन-कीर्तन और रात्रि 11:51 बजे पश्चात श्रीकृष्ण जन्म का पावन क्षण आएगा। जैसे ही जन्म का समय आएगा, पूरा मंदिर परिसर “नंद के आनंद भयो” के जयघोष, शंख-घंटा ध्वनि और पुष्पवर्षा से गूंज उठेगा। आरती और प्रसाद वितरण के इस अद्वितीय क्षण को श्रद्धालु अपनी स्मृतियों में संजोकर ले जाएंगे। अंतिम दिन 17 अगस्त को शाम 7 बजे से नृत्य-नाटिका का आयोजन होगा, रात 8 बजे श्रीकृष्ण द्वारा मटकी फोड़ का मनोरम दृश्य प्रस्तुत किया जाएगा और रात्रि 11:31 बजे पश्चात नन्दमहोत्सव की पारंपरिक शुरुआत होगी। इस अवसर पर छप्पन भोग और छत्तीस मेवा के दिव्य दर्शन होंगे, जिन्हें भक्तगण पूरे श्रद्धा-भाव से निहारेंगे। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे। समिति ने सभी श्रद्धालुओं से समय का पालन करते हुए अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इस अद्वितीय धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन को अविस्मरणीय बनाने का आह्वान किया है। तीन दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव न केवल भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि नगर में एक नई सांस्कृतिक परंपरा की नींव भी रखेगा। इस संपूर्ण कार्यक्रम के संयोजक मनोहर लखोटिया है।
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