डिब्रूगढ़। डिब्रूगढ़ में आज उस समय राजस्थान फाउंडेशन और इसके असम तथा पूर्वोत्तर चैप्टर के अध्यक्ष के कामों की गूंज सुनाई दी, जब समाजसेवी कैलाश बगड़िया की पुस्तकों के विमोचन के कार्यक्रम के दौरान सीए महावीर बगड़िया ने रतन शर्मा द्वारा राजस्थान में महावीर लाचित बरफुकन की प्रतिमा स्थापना का जिक्र करते हुए इसकी तारीफ की। बगड़िया ने कहा कि रतन शर्मा को उनके इस प्रयास के लिए डिब्रूगढ़ के समाज द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए। मौके पर उपस्थित लोगों ने उनके इस प्रस्ताव का ताली बजाकर समर्थन किया। इस दौरान कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद पत्रकार चंद्र प्रकाश शर्मा ने उपस्थित समाज बंधुओं को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि एक महीने में ही राजस्थान फाउंडेशन ने कुछ उल्लेखनीय कार्य किए हैं। संगठन के अध्यक्ष रतन शर्मा के प्रयासों से असम में राजस्थान भवन और राजस्थान में असम भवन के प्रयासों को काफी बल मिला है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस प्रकल्प के लिए भूमि आवंटन हेतु असम के मुख्यमंत्री से हिमंत विश्व शर्मा से पत्र लिखकर अनुरोध भी किया है, जिसे मुख्यमंत्री ने तुरंत राज्य के मुख्य सचिव को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया। इसके अलावा हाल ही में रतन शर्मा ने राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से मुलाकात कर उन्हें लाचित बरफुकन की वीर गाथा को राजस्थान में इतिहास के पाठ्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया। इस पर दिलावर ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए पाठ्यक्रम में लाचित बरफुकन की जीवनी को समाहित करने के लिए केंद्र सरकार को आवश्यक प्रस्ताव भेज दिया है। मौके पर चंद्र प्रकाश शर्मा ने डिब्रूगढ़ में राजस्थान फाउंडेशन के गठन को लेकर लोगों की जिज्ञासा को शांत करते हुए बताया कि रतन शर्मा एवं उनकी टीम पूर्वोत्तर में जिलावार संगठन के गठन को लेकर योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने राजस्थान फाउंडेशन की लिंक के जरिए लोगों से इसकी सदस्यता ग्रहण करने का अनुरोध किया। गौरतलब है कि डिब्रूगढ़ के होटल नटराज में कैलाश बगड़िया द्वारा संपादित एवं प्रकाशित पुस्तक समाज दर्पण, गुलाल के बीच हम एवं बोलती खामोशी के अंग्रेजी संस्करण का लोकार्पण हुआ। इसी कार्यक्रम में शामिल होने गये चंद्र प्रकाश शर्मा ने उपस्थित लोगों को राजस्थान फाउंडेशन द्वारा की जा रही प्रगति की जानकारी दी।
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