बिजनी। शासनपति श्रमण भगवान महावीर स्वामी के शासन में 82वें पट्टधर उत्कृष्ट क्रिया के पालक , हुक्म संघ शिरोमणि परम् पूज्य आचार्य प्रवर 1008 श्रीरामलालजी म.सा. व बैले - बैले तपधारी बहुश्रुत वाचनाचार्य उपाध्याय प्रवर श्रद्धेय श्रीराजेश मुनि जी म. सा. आदि ठाणा के " रामजन्म भूमि चार्तुमास" देशनोक में साध्वी श्री रामकृतिश्री जी म. सा. के सांसारिक पिता व श्री साधुमार्गी जैन संघ बंगाईगांव के कर्मठ, ओजस्वी, गुरुनिष्ठ, धर्मनिष्ठ, तपस्वी, मासखामण तप के आराधक सुश्रावक वीरपिता श्रीमान नंदकिशोर जी देशवाल की उग्र तपस्या 30 दिन निराहार रहकर सम्पन्न हुई है। साक्षात् हुक्मसंघ के सरताज के मुखारविंद से तप के पच्चखाण ग्रहण करना व गुरुदेव भगवंत उपाध्याय प्रवर व देशनोक विराजित अनेक साधुजी साध्वियोंजी के सानिध्य में ऐसी बड़ी तप आराधना करना अपने आप में स्वर्णमय क्षण व अदभूत संयोग है।सत्य है कि गुरुदेव की कृपा स्वप्न को भी साकार रूप दे देती है। देशनोक राजस्थान निवासी व बंगाईगांव प्रवासी स्वर्गीय मोहनलालजी देशवाल व स्वर्गीय विमला देवी देशवाल के यशस्वी पुत्र सुश्रावक नन्दकिशोर देशवाल ने अपने मासखामण तप का पारणा देशनोक निवास स्थल में पूज्य उपाध्याय प्रवर श्री राजेशमुनिजी म. सा.,श्री हिमगिरि जी म.सा. व साध्वी श्री रामकृति श्री जी म.सा. आदि को आज गुरुवार को प्रातः 11 :15 बजे आहार वहराकर व उपाध्याय प्रवर के मुखारविंद से मंगलपाठ श्रवण कर पारणा सम्पन्न किया। गुरुदेव के सान्निध्य में ऐसी उग्र तप आराधना करना संघ के सभी सदस्यों ने अहोभाव से अनुमोदना की तथा प्रार्थना आदि धार्मिक कार्यक्रम गतिमान रहे। पारणा की शुभ बेला के समय वीर माता श्रीमती ममता देशवाल, वीर भाई निश्चय देशवाल, वीर देशवाल परिवार जिसमें पहले भी अनेक मासखामण तपस्या हुई है, श्री साधुमार्गी जैन संघ बंगाईगांव के अध्यक्ष पन्नालाल सामसुका, मंत्री मनोज जी मरोठी, कोषाध्यक्ष निर्मल देशवाल के साथ विभिन्न संघ से अनेक श्रावक व श्राविकाऐ तपस्वी की अनुमोदना में उपस्थित थे।
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