डिब्रूगढ़ से ज्योति खाखोलिया
डिब्रूगढ। अनुभवी चाय बागान मालिक उद्धव चंद्र शर्मा ने 'संकट और वापसी भारत के चाय उद्योग का भविष्य' शीर्षक से एक व्याख्यान देते हुए कहा कि चुनौतियों का सामना करने और आने वाली सदियों तक आगे बढ़ने के लिए चाय उद्योग के सभी हितधारकों द्वारा एक समग्र और समग्र दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता है। यह कार्यक्रम डिब्रूगढ़ प्रेस क्लब द्वारा अपनी 'अमर आलोही' (हमारे अतिथि) श्रृंखला के अंतर्गत डिब्रूगढ़ के डीआरडीए परिसर स्थित जागृति हॉल में आयोजित किया गया था। प्रमुख चाय उत्पादक कंपनी वॉरेन टी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए उध्दव चंद्र शर्मा ने कहा कि चाय उद्योग, विशेष रूप से असम का दो सौ साल पुराना चाय उद्योग, आज बागानों से लेकर नीलामी तक और उत्पादन से लेकर विपणन तक विविध क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, "हालांकि, ऐसा नहीं है कि यह उद्योग वापसी नहीं कर सकता, इसके लिए सभी हितधारकों, चाय बोर्ड और केंद्र तथा चाय उत्पादक राज्यों, दोनों सरकारों के एक मजबूत समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है।" भारत में चाय की कम खपत पर चिंता व्यक्त करते हुए, उद्धव चंद्र शर्मा ने कहा कि देश के लोगों, विशेषकर युवा पीढ़ी में, इसकी खपत बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और असम चाय मजदूर संघ के अध्यक्ष पबन सिंह घाटोवार, चाय विशेषज्ञ अमिताभ फुकोन, असम चाय कर्मचारी संघ (ACKS) के महासचिव रिशव कलिता, असम राज्य भारतीय चाय मजदूर संघ के अध्यक्ष अशोक उरंग, छोटे चाय उत्पादक, ऑल आदिवासी स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ असम और असम टी ट्राइब्स स्टूडेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के चाय प्रौद्योगिकी विभाग के छात्र, मीडियाकर्मी और विविध क्षेत्रों के लोग कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे।
उध्दव चंद्र शर्मा द्वारा दिए गए व्याख्यान के बाद एक अत्यंत विचारोत्तेजक और गहन संवाद सत्र आयोजित किया गया। 'अमर आलोही' (हमारे अतिथि) कार्यक्रम की अध्यक्षता डिब्रूगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष मानस ज्योति दत्ता ने की और संचालन महासचिव रिपुंजय दास ने किया।
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