नवरतन मल गधैया
अनुशासन तेरापंथ धर्मसंघ का प्राण तत्व : समणी निर्देशिका भावितप्रज्ञा
गुवाहाटी - महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या समणी निर्देशिका भावितप्रज्ञाजी, समणी संघप्रज्ञाजी एवं समणी मुकुलप्रज्ञाजी के पावन सानिध्य, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के निर्देशन एवं श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गुवाहाटी के तत्वावधान में 259 वां तेरापंथ स्थापना दिवस आज शुक्रवार को प्रात:9 बजे से स्थानीय तेरापंथ धर्मस्थल भव्य रूप से मनाया गया। इस उपलक्ष्य पर धर्मस्थल में समागत श्रावक - श्राविकाओं को प्रतिबोध देते हुए समणी निर्देशिका भावितप्रज्ञाजी ने कहा कि अनुशासन तेरापंथ धर्मसंघ का प्राण तत्व है। आचार्य भिक्षु का यह शासन प्राप्त करना सचमुच अहोभाग्य है। उन्होंने कहा कि आचार्य भिक्षु ने भीषण कष्ट सहकर भी अपने पथ से कभी विचलित नहीं हुए।उसी का सुपरिणाम है कि तेरापंथ धर्मसंघ समग्र जैन धर्म का प्रयाय है। इससे पूर्व प्रात:7.45 बजे स्थानीय जैन भवन ( रेलवे गेट नं.7 ) से भव्य अनुशासन रैली निकाली गई,जो नगर के प्रमुख मार्गों का परिभ्रमण करते हुए तेरापंथ धर्मस्थल पहुंच कर धर्म सभा में परिवर्तित हो गई। समणी संघप्रज्ञाजी एवं समणी मुकुलप्रज्ञाजी ने तेरापंथ धर्मसंघ की गौरव गाथा का विस्तार से वर्णन किया। तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से आरंभ सभा में तेरापंथी सभा के मंत्री श्री अशोक जी सेठिया ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ एक प्राणवान, उर्जावान व अनुशासित धर्मसंघ है। इसके अलावा अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के क्षैत्रीय सहयोगी श्री संजय चौरड़िया, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री छत्तरसिंहजी चोरङिया,ज्ञानशाला की मुख्य संयोजिका श्रीमती ललिता सामसुखा, अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की कार्यकारिणी सदस्या श्रीमती रंजू खटेङ,श्री सुरेश सुराणा आदि ने वक्तव्य, गीतिका कविता के माध्यम से अपने भावों की प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम के संयोजक द्वय श्री सुरेश नाहटा एवं श्री कमलसिंह गोलछा थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री दिलीप दुगङ ने किया। दोपहर 2 बजे से ऑनलाइन प्रश्नोतरी प्रतियोगिता, सायंकाल गुरु वंदना एवं रात्रि 7.30 बजे से धम्मजागरण हे प्रभो! यह तेरापन्थ का आयोजन किया गया।
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