गुवाहाटी - पांचजन्य भवन में पूर्वोत्तर संभाग कार्यकारी मंडल की सभा सम्पन्न हुई। सभा का शुभारंभ करीमगंज अंचल की उपाध्यक्षा श्रीमती संजीता भट्टाचार्यजी द्वारा भारत माता एवं माता सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वन से हुआ। इस सभा में सभी अंचलों के विशिष्ट सेवाव्रति कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पूर्वांचल के 25 अंचलों में से 19 अंचलों के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। गुवाहाटी भाग के अध्यक्ष श्री विवेक जालान ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों का परिचय तथा स्वागत सम्बोधन एवं पूर्वोत्तर संभाग के प्रतिनिधि श्री अनिमेष सैकिया ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि तिनसुकिया के दुमदुमा संच के 30 विद्यालयों से शुभारम्भ एकल की यात्रा आज 5670 गांव तक पहुंच चुकी है। और हम लोग देशभर के चार लाख गांव तक पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा यह सभा बहुत ही महत्वपूर्ण है, इस सभा में हम केन्द्र की कार्ययोजना अच्छे समझना है और अपने-अपने अंचलों में क्रियान्वित कराना है। एकल अभियान के महामंत्री श्री माधवेन्द्र सिंहजी ने उद्घाटन सत्र में एकल अभियान के गठन की पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डालते हुए एकल अभियान को महापुरूष डा. हेडगेवार, स्वामी विवेकानन्द, डा. अम्बेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधीं की प्रेरणा का स्वरूप बताया जिन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जिन्होंने राष्ट्र के वैभवशाली स्वरूप का सपना देखा, यही नहीं जिन्होंने राष्ट्र को निरक्षरता के अभिशाप से मुक्त कर एक विकसित राष्ट्र की कल्पना संजोई और ऐसे आदर्श प्रस्तुत किये जिनके अनुसरण से हम देश को पुन: विश्वगुरू गौरव का दिला सकें। संपूर्ण विश्व के लोग भारत माता की जय बोलने के लिए बाध्य हों, ऐसे भारत की कल्पना डा. हेडगेवारजी ने की थी और इस दिशा में देशभर में कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा देश की आजादी का आंदोलन 90 वर्षो तक चला। इस आंदोलन में जिन क्रांतिकारियों ने बलिदान किया उनका कोई व्यक्गित स्वार्थ नहीं था, वो देशभक्त थे। उन सबके दिमाग में आज के उन लोगों की सोच नहीं थी जो यह कहकर अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ लेते हैं कि रोजी रोटी से ही फुर्सत नहीं मिलती। एकल के कार्यकर्ता ऐसे कार्यकर्ता नहीं है, एकल के कार्यकर्ता वो कार्यकर्ता हैं जिनके सीने में देश के प्रति दर्द है, इन्होंने संकल्प लिया हुआ है, धरती की ताकत जगाएंगे, देश को सुखी बनाएंगे। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में एकल अभियान बैठक आयोजित की गयी जिसमें आगामी कार्ययोजना का निर्धारण हुआ है, इस कार्ययोजना को क्रियान्वित कर संगठन को सशक्त बनाने में सभी को अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभाना है। उन्होंने कहा जिन संचों का गठन हुए पांच साल से अधिक हो गया है, उन संचों को स्वावलम्बी बनाना है। उन्होंने कहा संच एवं अंचल समितियों को अब केवल हस्ताक्षर बनकर नहीं रहना है, इस आंदोलन में सभी को जिम्मेदारियोंं लेनी होंगी। विद्वानों का मत है भारत देश गांव का देश है। देश की 40 करोड़ आबादी गांव में बास करती है, गांव को सशक्त बनाना ही इस आंदोलन का मूल उद्देश्य है। प्रथम सत्र में सम्भाग अभियान के अध्यक्ष श्री पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि संगठन का स्वरूप विशाल है, एक दिन में इसके स्वरूप को जान पाना संभव नहीं है लेकिन माननीय माधवेन्द्र सिंहजी से चर्चा के बाद यह स्पष्ट है कि यह संगठन आपका है, आप इसके नेतृत्वकर्ता हैं। अंचल, संच समिति, सभी कार्यकर्ता सभी पर आपका मालिकाना अधिकार है। सभी कार्यो को आपको कराना है, सभी तरह की रिपोट्र्स भिजवाने से लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन की जबाबदेही आप सबकी है। दूसरे सत्र में एकल अभियान के महामंत्री श्री माधवेन्द्रसिंह जी ने एकल अभियान की कार्ययोजना के स्वरूप को सभापटल रखा और सभी से कार्ययोजना के हर विन्दु को ध्यानपूर्वक अध्ययन कर जो भी जिज्ञासाएं हैं, उनका समाधान करके ही यहां से जाने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर जनकल्याण परिषद के अन्तर्गत स्वावलम्बन योजना का क्रियान्वयन होगा तथा इस योजना में सेवाव्रृति कार्यकर्ताओं की कोई भूमिका नहीं होगी। यह योजना पूरी तरह अंचल एवं संच समिति द्वारा क्रियान्वित होगी। उन्होंने स्वावलम्बन योजना के एक-एक बिन्दु पर विस्तार से अंचल समिति के पदाधिकारियों को समझाया। उन्होंने बताया कि आगामी संभाग कार्यकारी मंडल की बैठक 18 नवम्बर को होगी तथा इस सत्र की अंतिम बैठक मार्च, 2019 माह में होगी। विश्व हिन्दू परिषद के पूर्वांचल क्षेत्र संगठन मंत्री श्री अजय पारीक जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि समिति के पदाधिकारियों के उत्साह को महसूस कर रहा हॅू, इस सभा में केन्द्र की कार्ययोजना पर जो मार्गदर्शन किया गया है निश्चित रूप से आप लोग केन्द्र की योजना के क्रियान्वयन में सक्रियता के साथ आगे बढ़ेगे। उन्होंने बताया कि अपने देश की पहचान अध्यात्म से जुड़ी है। प्राचीनकाल से हमारे देश की धर्म, संस्कृति उच्चकोटि की रही है। आज का युवा दिशाहीन हो रहा है, हमें अपनी संतानों को संस्कृति से जोड़े रखने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एकल विद्यालय के पाठ्यक्रमों में धर्म-संस्कृति के बारे में कुछ सामग्री को शामिल करना चाहिए। सभा के दौरान सेवाव्रति कार्यकर्ता दायित्व परिवर्तन की जानकारी भी दी गयी जिसमें श्री कर्ण गौड़ को पूर्वोत्तर संभाग का विकास प्रमुख एवं श्री निताई दास को पूर्वोत्तर सम्भाग प्रमुख का दायित्व सौपा गया है। कुछ दूसरे कार्यकर्ताओं के दायित्व परिवर्तन की जानकारी भी इस दौरान दी गयी। सिल्चर भाग के अध्यक्ष श्री कन्हैयालाल सिंगोदिया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सभा संपन्न हुई।
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