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राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा आयोजित आजादी उत्सव संपन्न


गुवाहाटी - राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम आजादी उत्सव आई टी ऐ माछखोआ में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बिमल बजाज के करकमलों द्वारा दीप प्रज्वलित कर हुआ। इस अवसर पर उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में वयोवृद्ध समाजसेवी एवं जाने माने फिल्मकार शंकर लाल गोयनका, समाजसेवी आनंद पोद्दार, सत्यम ग्रुप के कमल शर्मा, रमेश पोद्दार, विमल काकड़ा, अनिल बजाज, नारायण खाकोलिया, मनोज पोद्दार, केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक विद्याधर सइकिया एवं कई गणमान्य उपस्थित थे सर्वप्रथम मंच संचालन करते हुए मनोज मोदी ने सभी कवियों को प्रबुद्ध जनों द्वारा सम्मानित करवाया। प्रांतीय अध्यक्ष चंद्र प्रकाश पोद्दार ने अपने स्वागत उद्बोधन में पूर्वोत्तर में कवियों के आगमन को मां कामाख्या का वरदान बताया। प्रांतीय महामंत्री संपत मिश्र ने सभी गुवाहाटी वासियों की तरफ से कविगणों का हार्दिक आभार व्यक्त किया तथा कवि संगम की गतिविधियों के बारे में बताया। मुख्य अतिथि शिलांग के श्री विमल बजाज का परिचय पाठ पुष्पा सोनी ने किया। नवोदित कवियों निकी कलिता एवं उत्पल डेका का मंच पर अभिनन्दन किया गया। इन्होंने अपनी कविता का पाठ भी किया। कवि सम्मेलन का संचालन वीर रस के कवि विनीत चौहान ने किया जिनकी देश प्रेम से ओत प्रोत कविताओ का दर्शको ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया। कवयित्री मुमताज नसीम ने सरस्वती वंदना के साथ शुरुआत की जो अपने आप में एक सुखद अनुभूति थी। उनकी खूबसूरत गजलों ने समा बांध दिया। जिंदगी से चुरा कर लाए हैं कुछ लम्हे तुम्हारे लिए! बड़ी खूबसूरत प्रस्तुति थी। दिनेश बावरा जो हास्य व्यंग्य के कवि तो हैं ही, फिल्मों के जाने माने कलाकार भी हैं उनके चुटीले हास्य पर लोग लोटपोट हो गए शुगर पर लिखी उनकी कविता मधुमेह नहीं मधुमास चाहिए ने दिलों को छू लिया। कवि तेज नारायण बेचैन ने अपने व्यंग बाण जमकर बरसाए जिनसे राजनेता तक अछूते ना रहे। डॉ विष्णु सक्सेना की रूमानियत भरी आवाज ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनके गीत थोड़ा तुम बदलो थोड़ा हम बदल के देखेंगे पूरे सभागार में गूंज रहा था आखिर में कवि विनीत ने अपने वीर रस का जलवा बिखेरा जिसमें जोश और जुनून तो था ही सीमा पर तैनात सैनिकों के अंतर्मन की वेदना का ऐसा सजीव चित्रण था कि श्रोतागण अपने आँसू नहीं रोक पाए। कार्यक्रम को सफल बनाने में उपाध्यक्ष गीता सहरिया, ललित कुमार झा, रशमी रोशन कांकाणी, हेमलता गोलछा, मधु सेठीया, अपराजिता डेका, अंशु सारडा व प्रांतीय जन संपर्क सचिव पुष्पा सोनी सहित सभी सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा। प्रथम सत्र का संचालन मनोज मोदी ने किया।

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