अभियुक्त दीपमणि सैकिया और किरू मेच को फांसी दी जानी चाहिए: गौरव सोमानी
असम कांग्रेस के सचिव और अखिल भारतीय प्रोफेशनलस कांग्रेस ((AIPC) असम इकाई के अध्यक्ष गौरव सोमानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि डॉ सरिता तोषनीवाल के सबसे सनसनीखेज बलात्कार सह हत्या मामले को 9 साल बाद 12 मई 2023 को डिब्रूगढ़ जिला अदालत में न्याय मिलने की उम्मीद है।
सोमानी ने कहा कि 12 मई को इस मामले के लिए फैसले के दिन के रूप में लोक अभियोजक द्वारा सूचित किया गया है और सजा मुककरर की जाएगी।
मालुम हो कि डॉक्टर सरिता के साथ 2014 में डिब्रूगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अंदर ड्यूटी के दौरान बलात्कार किया गया था और क्रूरतापूर्वक डॉ दीपमणि सैकिया और वार्ड बॉय किरू मेच द्वारा
हत्या कर दी गई थी। पूरे मामले को जांच के लिए सीआईडी को सौंप दिया गया था। उस समय कांग्रेस नेता सोमानी ने पुलिस जांच और फोरेंसिक रिपोर्ट में कई खामियों को उजागर किया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस और न्याय की लड़ाई में विरोध का सिलसिला पूरे राज्य में देखा गया था ।
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. तरुण गोगोई ने परीक्षण के लिए मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। तोषनीवाल परिवार को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई और डिब्रूगढ़ मेडिकल कॉलेज में एक गर्ल्स हॉस्टल का नाम डॉ. सरिता तोशनीवाल गर्ल्स हॉस्टल भी रखा गया था। जांच में खामियों को देखने के लिए प्रतीक हजेला के नेतृत्व में एक विशेष समिति का भी गठन किया गया था।
सोमानी ने कहा कि परिवार को न्याय मिले यह सुनिश्चित करने के लिए हमने अपनी ओर से जो भी संभव था, किया। उन्होंने कहा कि हम आरोपी डॉ दीपमणि सैकिया और वार्ड बॉय किरू मेच दोनों को "फांसी" से कम की सजा की उम्मीद नहीं करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और मामले के आरोपियों को अनुकरणीय सजा दी जाएगी इसकी हम जिला आदालत से मांग करते हैं।
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