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दूरसंचार विभाग ने फर्जी मोबाइल कनेक्शन के खिलाफ चलाया सघन अभियान

 


गुवाहाटी। अक्सर देखा गया है कि नकली वह जाली दस्तावेजों पर सब्सक्राइब किये गये मोबाइल कनेक्शनों का उपयोग साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी, असामाजिक और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। दूरसंचार विभाग ने ऐसी धोखाघड़ी का पता लगाने और धोखाधड़ी कनेक्शन बेचने में शामिल प्वाइंट आफ सेल्स (पीओएस) और जिन्होंने फर्जी व जाली दस्तावेजों के आधार पर ऐसे कनेक्शन दिए हैं ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह बातें दूरसंचार विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल मिथिलेश कुमार ने दूरसंचार भवन में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में पत्रकारों को बताई। मिथिलेश कुमार ने आगे बताया कि इनमें से एक पहल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित फैसियल रिकॉग्निशन सिस्टम का उपयोग है। यह एक ही फोटो लेकिन अलग-अलग नाम से दिए गए फर्जी कनेक्शन का पता लगाने के लिए समाधान है।इस उन्नत फैसियल रिकॉग्निशन तकनीक का उपयोग करते हुए विभाग ने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के ग्राहकों का विश्लेषण किया है। इससे कई फर्जी मोबाइल कनेक्शन का पता लगाया जो फर्जी पहचान जमा करके लिए गए हैं। पहले चरण में लगभग डेढ़ लाख सिम कार्ड विभिन्न टीएसपी के पीओएस से सक्रिय होने का पता चला था। लगभग 1लाा 48 हजार फर्जी कनेक्शन काटे गए हैं और टीएसपी द्वारा 55 पीओएस पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है ओर उसको ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। दूसरे चरण में 62106 सिम कार्ड की एक सूची टीएसपी जैसे वोडाफोन, आरजेआईओ, भारती एयरटेल, और बीएसएनएल के साथ साझा की गई है। हमें सभी टीएसपी को ऐसे ही पीओएस जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कनेक्शन दिए जाते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने और एफआईआर भी दर्ज करने का निर्देश दिया है। इन सभी मामलों में सिर्फ नाम बदलकर एक से ज्यादा कनेक्शन लेने के लिए एक ही फोटो का इस्तेमाल किया जाता है। इस मामले में यह देखने में आया है कि अलग-अलग 97 कनेक्शन लेने के लिए एक व्यक्ति की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। मिथिलेश कुमार ने आगे बताया कि चूंकि इन फर्जी कनेक्शनों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।अतः हमने असम पुलिस (विशेष शाखा) के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है और दिए गए कनेक्शनों का विवरण साझा किया है तथा धोखेबाज और त्रुटि पूर्ण पॉइंट ऑफ सेल और संबंधित व्यक्ति जिन्होंने धोखे से ऐसे कनेक्शन लिए हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।संवाददाता सम्मेलन में डिप्टी डायरेक्टर जनरल जीके सूतर ने कहा कि असम एल एस ए ने विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से पिछले साल जून में 3 अवैध दूरसंचार संचालनो का पता लगाया है जहां एसआईपी ट्रंक का उपयोग करके अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय काॅलो को रूट किया गया था। नागरिक केंद्रित पहल के रूप में सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर पोर्टल असम में भी लांच किया गया जो नागरिको के खोये अथवा चोरी हुए मोबाइल डिवाइस के अवरोधन अनुरोध के लिए है।यह असम सरकार के सीसीटीएनएस सिस्टम के साथ एकीकृत है, जो नागरिकों को इस तरह के अवरोधन अनुरोध को उठाने के लिए निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करने की सुविधा प्रदान करेगा। नेटवर्क में खोए अथवा चोरी हुए उपकरण के द्वारा उपयोग किए जाने की स्थिति में पुलिस और नागरिक दोनों द्वारा अलर्ट प्राप्त होगा। इस प्रकार खोए हुए अथवा चोरी हुए डिवाइस की वसूली में सुविधा होगी।

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