शिव महापुराण कथा के शिव विवाह प्रसंग में झूम उठे श्रोता - Rise Plus

NEWS

Rise Plus

असम का सबसे सक्रिय हिंदी डिजिटल मीडिया


Post Top Ad

शिव महापुराण कथा के शिव विवाह प्रसंग में झूम उठे श्रोता



पारीक सभा गुवाहाटी के तत्वावधान में महानगर के छत्रीबाड़ी रोड स्थित परशुराम सदन (ब्राह्मण भवन) में आयोजित श्री शिवमहापुराण कथा के पांचवें दिन की कथा सुनाते हुये शिवेंद्र स्वरूप महाराज ने कहा कि भगवान की जीव पर असीम कृपा होती है तभी वह भक्ति की ओर प्रेरित होता है। बिना भगवान की इच्छा के बिना कुछ भी संभव नहीं। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जन्म आत्म कल्याण के लिए हुआ है, लेकिन मनुष्य मानव योनी प्राप्त करने के बावजूद पशुओं की भांति विचरण कर रहा है। लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने पर भी मनुष्य अपना जीवन सफल कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आत्म तत्व को जानना ही मनुष्य का लक्ष्य है। प्रत्येक मनुष्य का लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान ने विशेष दिव्य दिये हैं। आंख भागवत दर्शन के लिए, कान भागवत सुनने के लिए, जीभ भगवान का गुनगान करने के लिए, हाथ सेवा के लिए और पैर तीर्थयात्राओं के लिए। जो जीव कीर्तन नहीं करता वह मेढक की समान है। इसलिए मनुष्य को हर समय ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए। मनुष्य अहंकार के मद में सबकुछ भूल जाता है और अपने आप को ही सर्वश्रेष्ठ समझने लगता है, जो बिल्कुल ही गलत है। उन्होंने कहा कि मनुष्य प्रभुता से लघुता की ओर जा रहा है। मानव योनी अहंकार की निवृत्ति के लिए मिली है। इसलिए हरसंभव मनुष्य को अपने कल्याण के लिए चिंतन करना चाहिए। उन्होंने आज पार्वती विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि मैना का विवाह पर्वतराज हिमालय के साथ हुआ था। लेकिन तीनों लोकों में तारकासुर द्वारा कोहराम मचाये जाने के कारण देवगण काफी चिंतित हो गये और तब जाकर पर्वतराज हिमालय व मैना से कहा कि वे घोर तपस्या करें और जगदंबा को जन्म देकर तथा भगवान शिव के साथ विवाह कराकर तारकासुर से मुक्ति दिलाएं। 27 वर्षों की घोर तपस्या के बाद मैना ने सौ पुत्र व एक पुत्री को जन्म दिया, पुत्री का नाम पार्वती रखा गया। पर्वत की पुत्री होने के कारण ही पार्वती नाम पड़ा। वहीं नारद ने पार्वती से अनुरोध कर घोर तपस्या के जरिये शिव को प्राप्त करने तथा इस लोक पर मानव कल्याण की भावना को कायम रखने का अनुरोध किया, जिसके बाद पार्वती ने घोर तपस्या की और भगवान भोले नाथ से अंत में विवाह कर इस जगत का कल्याण कराया। आज के कार्यक्रम में भगवान शिव-पार्वती का किरदार अरविंद पारीक व उनकी पत्नी सेफाली पारीक ने निभाया। मालूम हो कि महाराज ने मुख्य यजमान गिरधारीलाल सपरिवार द्वारा पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ कराया। इस मौके पर पारीक सभा की ओर से आये हुए मेहमानों का फूलाम गामोछा से अभिनंदन किया गया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नियमित रूप से WhatsApp पर हमारी खबर प्राप्त करने के लिए दिए गए 'SUBSCRIBE' बटन पर क्लिक करें