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तांत्रिक परंपरा का अनूठा उदाहरण है हनुमान नौका महोत्सव

 


गुवाहाटी। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्री हनुमान जन्मोत्सव समिति के सौजन्य से गल्लापट्टी स्थित हनुमान मंदिर में हनुमान नौका महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केले से बनी हुई भारी भरकम नौका को गल्लापट्टी से गुवाहाटी नगर भ्रमण कराकर एम जी रोड ब्रह्मपुत्र नद लाचित घाट पर विसर्जित कर दिया गया। इससे पहले प्रातः स्थानीय लोगों द्वारा विशेष तांत्रिक पूजा कर हवन किया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी बंकट लाल शर्मा ने हनुमान जी की प्रतिमा का अभिषेक किया। हनुमान जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा में बताया कि यह परंपरा गत 100 से भी अधिक वर्षों से चली आ रही है। जिसका मुख्य कारण असम को बाढ़ की बिभीषीका से सुरक्षित करने के लिए स्थानीय असमिया समाज के अनुभवी तांत्रिकों द्वारा केले के वृक्ष द्वारा निर्मित एक नौका बनाकर उसकी तांत्रिक मंत्रों से पूजा की जाती है एवं असम को बाढ़ के प्रकोप से बचने की मन्नत मांगी जाती है। यह तांत्रिक प्रक्रिया आज भी असम के कई गांव में आयोजित की जाती है।नगर भ्रमण के दौरान छोटे बच्चो के अलावा श्रद्धालु नौका की नीचे से आर पार होते हैं। इस मान्यता के अनुसार बच्चों को बुरी नजर से बचने के लिए नौका के नीचे से उन्हें निकाला जाता है। नौका विसर्जन के पश्चात हनुमान मंदिर के सामने स्थानीय नाम कीर्तन समूह द्वारा नाम कीर्तन का आयोजन एवं महा आरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। हनुमान जन्मोत्सव समिति के सचिव राकेश चौधरी ने कार्यक्रम में सहयोग करने वाले सभी श्रद्धालुओं को धन्यवाद ज्ञापन दिया। जन्मोत्सव समिति के कोष्ध्यक्ष सुनील बाजोरिया ने बताया कि उक्त आयोजन श्रद्धालुओं में आर्थिक रूप से सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

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