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आरएसएस प्रमुख भागवत ने आचार्य प्रमख सागर जी से आशीर्वाद लिया

 


गुवाहाटी। जो होता है आचरण करने से होता है अतः हम सबको आचरण करना प्रारंभ कर देना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा है कि इंडिया नहीं भारत होना चाहिए। हम आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज की इस बात को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं।अतः हम सब लोग इंडिया शब्द का उपयोग करना छोड़ दें और भारत शब्द का उपयोग करें।जो विशेष नाम होता है उसका भाषांतर नहीं होता है अतः अंग्रेजी बोलने वालों के सामने भी इंडिया न बोलकर भारत ही बोलना चाहिए।यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने फैंसी बाजार महावीर स्थल में सकल जैन समाज गुवाहाटी द्वारा आयोजित एक समारोह में कहीं।गौरतलब है कि सकल जैन समाज गुवाहाटी के सौजन्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुवाहाटी फैंसी बाजार स्थित भगवान महावीर धर्म स्थल में चातुर्मास संपन्न कर रहे असम के राजकीय अतिथि महान दिगंबराचार्य राष्ट्र संत प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ 13 पिच्छी के 50वें स्वर्ण जयंती महोत्सव वर्ष के उपलक्ष में दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर आचार्य श्री ने अपने संबोधन में कहा कि मोहन भागवत का जन्म सितंबर महीने में है और इसी महीने में श्वेतांबर व दिगंबर जैन समाज का क्षमा याचना दिवस भी आता है। इस महीने में एक दिन ऐसा भी होना चाहिए जिसमें अपने कार्यालयों ,स्कूल, कोर्ट आदि में जाने वाले लोग क्षमा वाणी का उच्चारण करें। इस दिन पूरे भारत में क्षमा दिवस के रूप में  मनाया जाना चाहिए। आचार्य श्री ने सूर्य पहाड़ विकास के बारे में बोलते हुए कहां की ग्वालपाड़ा जिले में स्थित सूर्य पहाड़ एक ऐसा पहाड़ है जो हिंदुत्व को बहुत ऊंचाई तक साथ दे सकता है। जहां जैन, बुद्ध और सनातन धर्म के धार्मिक चिन्ह मौजूद हो वैसे क्षेत्र का विकास होना जरूरी है। सूर्य पहाड़ में 99,999 शिवलिंग स्थापित है। इनमें दो और शिवलिंगों की स्थापना कर एक लाख एक शिवलिंग कर दिया जाए तो सूर्य पहाड़ भी महाकुंभ अयोध्या जैसा हो जाएगा। आचार्य श्री ने कृष्ण चरित्र को मोहन भागवत के चरित्र के समक्ष बोलते हुए कहा कि कृष्ण के तीन संदेश थे गीता, गाा और गोपी। गीत उनके जीवन का सार धा, गोपी जीवन का प्यार और गाय उनके जीवन का आधार था। यह तीनों चीज मोहन भागवत के पास है। इससे पहले महावीर छाबड़ा ने मोहन भागवत को तिलक लगाकर, महावीर जैन ने  गमछा, विजय गंगवाल और ओमप्रकाश सेठी ने शाॅल और महिला सदस्योंओ ने सराई देकर उनका सम्मान किया। आचार्य प्रमुख सागर जी द्वारा लिखित मेरी जेल यात्रा पुस्तक का विमोचन भी मोहन भागवत के कर कमरों से किया गया। इस अवसर पर महावीर जैन, महावीर छाबड़ा, अशोक छाबड़ा, विजय कुमार चूड़ीवाल, माणकचंद झांझरी, सुरेश कासलीवाल,मनीष छाबडा आदि मंच पर उपस्थित थे। श्री दिगंबर जैन विद्यालय की छात्राओं ने मोहन भागवत को राखी बांधकर उनसे आशीर्वाद लिया। प्रचार समिति के मुख्य संयोजक ओमप्रकाश सेठी और किशोर काला ने संयुक्त रूप से बताया कि कार्यक्रम के पश्चात रक्षाबंधन के दिन आचार्य श्री को स्वर्ण,रत्न और रजत की राखी बांधने वाले लाभार्थियों को आचार्य श्री ने उक्त राखियां उन्हें प्रदान की। कार्यक्रम में सकल जैन समाज के श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, श्री साधुमार्गी  जैन श्रावक संघ, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, श्री जैन श्वेतांबर मंदिरमार्गी के अध्यक्ष, मंत्री व अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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