हिंदी गंगा की तरह सभी भाषाओं को समाहित करने में समक्ष- मदन सिंघल
लाइंस कल्ब आफ शिलचर वैली द्वारा जिला परिषद सभागार में हिंदी दिवस मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार समाजसेवी मदन सुमित्रा सिंघल दंपति को , हिंदी सेवा एवं प्रचार प्रसार सम्मान दिया गया। अध्यक्ष संजीव राय सहित अन्य पदाधिकारियों ने उतरीय एवं मोमेंटम देकर सम्मानित किया। अध्यक्ष ने कहा कि मदन सिंघल शिलचर समाज में साहित्य पत्रकारिता एवं समाज में दिनरात दशकों से सक्रिय हैं जो निस्वार्थ भाव से जनजन में सर्वमान्य है। हम उनके उतम स्वास्थ्य एवं दिर्घायु होने के साथ साथ सक्रिय रूप से हम सबका मार्गदर्शन करते रहने की कामना करते हैं।
मदन सिंघल ने लांइस कल्ब आफ शिलचर का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि मैं 43 साल से राष्ट्र भाषा के लिए काम करता गया लेकिन सच कहा जाए तो हम अवश्य गिलहरी प्रयास करते रहे हिंदी फिल्मों के कारण हिंदी लोकप्रिय बनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद हिंदी भारत की ही नहीं बल्कि विश्व की भाषा बनी है।
हिंदी एवं बिंदी नामक कविता सुनाई। एक अन्य सांस्कृतिक कार्यकर्ता, संगीतकार और न्यूज 24 के संपादक संजीव भट्टाचार्य को भी बराक घाटी में हिंदी भाषा की समर्पित सेवा और प्रचार के लिए सम्मानित किया गया। वह बहुत उदासीन थे और उन्होंने कहा कि उनके काम नए जोश के साथ जारी रहेंगे। दोनों हस्तियों को क्लब वैली के अध्यक्ष संजीव रॉय, अरिंदम भट्टाचार्य, कनकेश्वर भट्टाचार्य, आशुतोष चौधरी और अन्य ने एक विशेष स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके बाद इटखोला हिंदी पाठशाला के विद्यार्थियों को 'ललित जैन सृति पुरस्कार' दिया गया। क्लब वैली द्वारा हिंदी काव्यपाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा दो अलग-अलग श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किये गये।
एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कछार जिले के प्रसिद्ध गायकों, नर्तकों, वाचकों ने भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया। 'अखिल असम भोजपुरी परिषद' हैलाकांडी जिला समिति के सचिव आनंद राय ने 20 बाल कलाकारों को पुरस्कृत किया. इस कार्यक्रम में कछार हिंदी भाषी छात्र परिषद और आरोहण संस्कार संस्थान के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया, जिसे जैस बर्मन ने जीता।
इस कार्यक्रम में प्रमुख गणमान्य व्यक्ति, शखी भट्टाचार्य, चंद्रावती रॉय, कंका विश्वास, सुप्ता चौधरी, शुभ्रा भट्टाचार्य, सुमित्रा सिंघल, मालविका भट्टाचार्य, डॉ. उपस्थित थे। मनोज सिंह, रत्ना राय, कवि चंद्र कुमार गोला, मणिभूषण चौधरी, शिल्पी भट्टाचार्य, चंद्र प्रकाश, सुदत्त कानूनगो, नंदा रॉय वंदिता राय त्रिवेदी ने कुशल संचालन किया।
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