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श्री जगन्नाथ मंदिर का 46 साल बाद खुला 'रत्न भंडार', सरकार, RBI से लेकर इतनी एजेंसियों की रहेगी निगाह

 

पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर का 'रत्न भंडार' आखिरकार 46 साल बाद रविवार को खुल गया। हाई सिक्योरिटी में भगवान जगन्नाथ का खजाना खोला जाएगा। चार दशक से अधिक समय के बाद खोले जा रहे खजाना की गिनती के लिए ओडिशा सरकार ने एसओपी जारी किया है। खजाना को डिजिटल लिस्टिंग के दौरान आरबीआई का प्रतिनिधि भी मौजूद रहेगा।


ओडिशा के मुख्यमंत्री ऑफिस ने एक्स पर भगवान जगन्नाथ का खजाना खोले जाने के आदेश संबंधी जानकारी पोस्ट की है। एक्स पर ओडिशा सीएमओ ने लिखा: "जय जगन्नाथ हे प्रभु! आप लयबद्ध हैं। आपकी इच्छा से पूरा विश्व सिंचित है। आप इस रूढ़ीवादी राष्ट्र की धड़कन हैं... मंदिर के चारों द्वार सबसे पहले आपकी इच्छा से ही खोले गए थे। आज आपकी इच्छा के 46 वर्षों के बाद, एक महान उद्देश्य के साथ रत्न खोला गया है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि यह महान कार्य सफल होगा।"


भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार खोले जाने के पहले पुरी मंदिर में स्पेशल बक्से लाए गए। इसके बाद रत्न भंडार को खोला गया। मंदिर प्रशासन के प्रमुख ने ओडिशा सरकार द्वारा जारी एसओपी की जानकारी दी गई। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी ने बताया किओडिशा सरकार ने रत्न भंडार खोलने के लिए एसओपी को मंजूरी दी है। एसओपी के अनुसार रत्न भंडार को खोला जा रहा है। खजाना खोले जाने के दौरान विभिन्न 'सेवा' समूहों के अधिकृत प्रतिनिधि, एएसआई के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि और अन्य लोग वहां मौजूद रहेंगे। पूरी कार्यवाही रिकॉर्ड के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। यह रिकॉर्डिंग पूरी तरह से गोपनीय होगी। रत्न भंडार को खोलकर कीमती वस्तुओं को खोलने और उनकी सूची बनाने के लिए एसओपी में तीन चरण होंगे। पाधी ने बताया कि एसओपी में तीन चरण हैं। पहला बाहरी रत्न भंडार को खोलना है। आंतरिक रत्न भंडार के लिए दूसरे चरण की एसओपी है। एक अस्थायी स्ट्रांग रूम भी है। फिर रत्न भंडार से स्ट्रांग रूम में शिफ्ट होने के बाद कीमती वस्तुओं की लिस्टिंग होगी। हम महाप्रभु से आशीर्वाद चाहते हैं कि रत्न भंडार आसानी से खुल जाए, और उसके बाद के चरण अपनाए जाएंगे।


पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर का 'रत्न भंडार' (खजाना) राज्य सरकार की एसओपी के अनुसार रविवार को दोपहर 1:28 बजे खोला जाना था। निरीक्षण समिति के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ ने बताया कि मीटिंग में हुई चर्चा और 'पुरोहितों' तथा 'मुक्ति मंडप' के सुझावों के अनुसार, रत्न भंडार को खोलने का सही समय दोपहर 1:28 बजे है। यह प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण होगी क्योंकि उन्हें अभी भी यह पता नहीं है कि रत्न भंडार 1985 में आखिरी बार कब खुला था। जस्टिस रथ ने बताया कि खजाना भंडार खोलने की यह प्रक्रिया दो वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ की जाएगी। दो प्रमाणपत्र होंगे। हमें नहीं पता कि 1985 में आखिरी बार इसे खोलने के बाद से अंदर की स्थिति क्या है।


ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि सूची बनाने का काम भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि की मौजूदगी में होगा और गिनती पूरी होने के बाद एक डिजिटल कैटलॉग बनाया जाएगा। इसमें फोटोज, उनका वजन और उनकी गुणवत्ता जैसी अन्य चीजें शामिल होंगी। सभी चीजों के साथ एक डिजिटल कैटलॉग बनाया जाएगा; डिजिटल कैटलॉग एक संदर्भ दस्तावेज होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) रत्न भंडार में मरम्मत का काम करेगा, जो 12वीं सदी के मंदिर के रखरखाव का भी काम देखता है।



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