मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी दी। पहली बार, नामेरी बाघ आरक्षित क्षेत्र के सैटेलाइट कोर, सोनाई रूपाई वन्यजीव अभयारण्य में एक बाघ को कैमरा ट्रैप में देखा गया है। यह उपलब्धि असम के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
मुख्यमंत्री ने इस सफलता को सुरक्षा उपायों और आवास प्रबंधन में वर्षों से किए गए समर्पित प्रयासों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि ने यह साबित किया है कि स्थायी आवास और मजबूत सुरक्षा प्रबंधन से वन्यजीवों के संरक्षण में असाधारण सफलता प्राप्त की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग की टीम को उनकी मेहनत, समर्पण और अद्वितीय प्रयासों के लिए विशेष रूप से सराहा। उन्होंने कहा कि यह सफलता केवल एक प्रबंधन उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह असम की जैव विविधता को संरक्षित करने की दिशा में किए जा रहे व्यापक प्रयासों का प्रमाण है।
असम का सोनाई रूपाई वन्यजीव अभयारण्य अब न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे इस विरासत को बनाए रखने के लिए संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करें।
यह खबर असम के लिए गर्व का क्षण है और यह साबित करती है कि राज्य अपने वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा में नए आयाम स्थापित कर रहा है।
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