गुवाहाटी। साहित्य ,संस्कृति एवं कला में उद्गम 'कलम की खनक फाउंडेशन', की संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कनक लता जैन के तत्वावधान में सत्र 2025 की प्रथम काव्य गोष्ठी गुवाहाटी में आयोजित हुई। कार्यक्रम में गणमान्य उपस्थिति मुख्य अतिथि स्वरूप बीकानेर से वरिष्ठ साहित्यकार , समालोचक अब्दुल शकूर सिसोदिया जी शकूर बीकाणवी एवं विशिष्ट अतिथि गुवाहाटी से साहित्यकार ,अनुवादक दिनकर कुमार जी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आगाज दीप प्रज्वलन के साथ सरस्वती वंदना से हुआ । अतिथियों का स्वागत संस्था के कोषाध्यक्ष रौनक सेठिया ने असमिया फूलाम गामुच्छ से किया। संस्था की अध्यक्ष ने संस्था का स्मृति चिन्ह एवं पुस्तक से मेहमानों का अभिवादन किया।
डॉ.कनक लता जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्य हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है ।कविता न केवल हमारी आत्मा को छूती है बल्कि हमें बदलने की प्रेरणा भी देती है। मुख्य अतिथि ने अपना उद्बोधन संस्कृत श्लोक से किया तथा सभी रचनाकारों की सहराना की।
काव्य पाठ हेतु आमंत्रित कवि ,श्री सौमित्रम्, मनोज नायाब,विनीता शर्मा,पुष्पा सोनी,बिमला सिंह,मालविका मेधी दास,शशि सुराणा, हेमलता गोलछा, संतोष बेद, निलेश माथुर ने एक से बढ़ कर एक रचना प्रस्तुत की। कार्यक्रम के दौरान राजस्थानी संस्कृति की झलक मारवाड़ी काव्य पाठ में झलकी। पूरे कार्यक्रम का संचालन कारबी आंगलोंग से बिमला सिंह ने किया।
कार्यक्रम के दौरान हुई साहित्यिक प्रश्नोत्तरी ने सभी कलमकारों सहित दर्शकों को जोड़े रखा। अंत में सभी कलमकारों को कलम की खनक फाउंडेशन की ओर से 'श्री काव्य कनक साहित्य सम्मान' प्रदान किया गया। सम्मान से अलंकृत सभी कलमकार गदगद हुए।
प्रश्नोत्तरी के विजेताओं को पुस्तक भेट की गई। उपस्थित दर्शकों ने कार्यक्रम की भूरी -भूरी प्रशंसा की। संस्था की ओर से धन्यवाद ज्ञापन हेमलता गोलछा ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु डॉ.कनक लता जैन ने संस्था के सदस्यों सहित सभी का आभार व्यक्त किया।
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