जन्म दिन की शुभकामनाएं स्नेहा-पृथ्वी
शुभ कामना एवं आशीर्वाद दाता
पिता माता
मदन सुमित्रा सिंघल
दीदी एवं जीजा जी
प्रीति सिंघल बिनीत अग्रवाल
भानजी
हीया व लव्या अग्रवाल
शादी को सस्ता सुंदर एक टिकाऊ बनाने के लिए प्रयास करें
यह तो सच है कि यदि आपकी बेटा बेटी सुसंस्कारित शिक्षित दिक्षित एवं आलाधिकारी है तो उसके लिए हो सके तो सजातीय किंतु मापदंडों पर खरा उतरने वाले योग्य वरवधू होना चाहिए। यदि आप इसमें असक्षम है। बात विजातीय शादी की हो तो दोनों पक्षों को जितना अधिक हो रहन सहन खानपान पूजा पद्धति जीवन शैली के साथ समाज मे प्रतिष्ठित एवं दोनों पक्षों के मुख्य लोगों की उपस्थिति मे सादगी से किंतु सभी यथासंभव रिति रिवाजों के साथ धार्मिक सामाजिक एवं शास्त्र एवं संविधान सम्मत शादी कम खर्च कम लोगों की उपस्थिति मे सादगी से करके समाज मे एक उदाहरण पेश करना चाहिए।
अनावश्यक सजावट मदिरा पान अश्लिल नृत्य अनापशनाप व्यंजन एवं लग्जरी कार्यक्रम ना करें।
हाँ दोनों पक्षों के रिति रिवाजों के अलावा विवाह एवं समारोह अलग अलग पद्धति से नियत समय मे मिलजुल करना चाहिए।
निश्चित रूप से ऐसा करने से दोनों पक्षों का धन बचेगा समय बचेगा तो अतिथियों पर अनावश्यक आवागमन का भारी खर्च बचेगा। दूर दूर से आने वाले अतिथि रिश्तेदार मित्र निमंत्रण मिलने से दबाव संकोच एवं अन्य कारणों से लाखों रुपए खर्च करके आ तो जाते हैं लेकिन उसी दिन जाना चाहते हैं। वही ऐसे लोग भी होते हैं उनके सामने आर्थिक संकट सामाजिक संकट आ जाता है।
बचा हुआ धन वरवधू को दे देना चाहिए। यदि संभव एवं दिल मे दया माया हो तो गरीब की बेटी को पढाने शादी मे सहायता करने किसी बिमार का इलाज करवाने अथवा सार्वजनिक निर्माण मे अंशदान करना चाहिए।
दो पक्ष राजी हो तो दिन मे ही शादी करनी चाहिए।
आजकल धनाड्य लोग अपने रिश्तेदारों व्यवसाय के मित्रों के साथ किसी मंहंगे स्थलों मे शादी कर रहे हैं। ना तो अनावश्यक निमंत्रण वितरित करते ना ही शादी से पहले ना ही बाद मे समाज मे मिठाई तक नहीं भेजते।
तो मध्यम वर्ग को भी ऐसा ही करना चाहिए ।
शादी सस्ती सुंदर किंतु टिकाऊ अवश्य होनी चाहिए। हर बिंदु पर जानकारी करने अपने मित्रों शुभचिन्तको से राय जरूर करनी चाहिए ताकि भविष्य मे कोई बाधा ना हो।
मदन सुमित्रा सिंघल
पत्रकार एवं साहित्यकार
शिलचर असम
मो 9435073653
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