नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा देशभर में 7 मई को आयोजित की जाने वाली सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के संदर्भ में आयोजित बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव द्वारा की गई। जिसमें सिविल डिफेंस संगठन के प्रमुख अधिकारी भी शामिल थे। यह मॉक ड्रिल स्वतंत्र भारत के इतिहास में 54 वर्षों के बाद पहली बार एक साथ 244 जिलों में आयोजित की जा रही है, जिसे सुरक्षा रणनीति के लिहाज़ से एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। बैठक में मॉक ड्रिल की तैयारियों, जिलों में लागू किए जाने वाले आपातकालीन प्रोटोकॉल, एयर रेड सायरन की टेस्टिंग, ब्लैकआउट एवं कैमोफ्लाज अभ्यास, और आम नागरिकों एवं छात्रों को आपदा प्रबंधन व शत्रु आक्रमण जैसी परिस्थितियों में प्रशिक्षित करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।मॉक ड्रिल का उद्देश्य राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना, आम जनता को सतर्कता एवं प्रतिक्रिया के लिए तैयार करना और सभी स्तरों पर सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल को परखना है। सरकार का यह कदम दर्शाता है कि चाहे बात अंदरूनी सुरक्षा की हो या सीमाओं पर खतरे की — भारत अब हर स्तर पर युद्धस्तर की तैयारी कर रहा है। इस अभूतपूर्व अभ्यास को देखते हुए देशभर के नागरिकों से अपील की गई है कि वे सहयोग करें और अभ्यास के दौरान जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।सभी राज्यों के मुख्य सचिव सभी संघ शासित प्रदेशों के प्रशासक ने नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन करेगी।
संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने के संबंध में 2 मई 2025 को पिछले संचार के क्रम में, और नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 19 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने 07.05.2025 को देश के 244 वर्गीकृत नागरिक सुरक्षा जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और पूर्वाभ्यास आयोजित करने का निर्णय लिया है। अभ्यास के संचालन की योजना गांव स्तर तक बनाई गई है। इस अभ्यास का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है। नागरिक सुरक्षा अभ्यास में जिला नियंत्रक, विभिन्न जिला प्राधिकारियों, नागरिक सुरक्षा वार्डन,स्वयंसेवकों, होम गार्ड,आरक्षित स्वयंसेवक, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, कॉलेज,स्कूल के छात्रों की सक्रिय भागीदारी की परिकल्पना की गई है। उक्त नागरिक सुरक्षा अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न नागरिक सुरक्षा उपायों की परिचालन प्रभावकारिता और परिचालन समन्वय का आकलन करना है।
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