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रतन शर्मा बने राजस्थान फाउंडेशन असम चैप्टर के अध्यक्ष


जोरहाट में विप्र भवन के लिए एक करोड़ की सहयोग राशि का देने का आश्वासन 


गुवाहाटी। राजस्थान सरकार की इकाई राजस्थान फाउंडेशन के असम चैप्टर के अध्यक्ष के रूप में सत्यम ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के सीएमडी रतन शर्मा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इनकी नियुक्ति से असम राज्य के राजस्थान वासीयो में खुशी की लहर देखी गई। समाज के सभी वर्गों से रतन शर्मा को बधाईयां मिल रही है। दूसरी ओर जोरहाट में आयोजित विप्र समागम में जोरहाट में परशुराम जन्मोत्सव पर विप्र समाज के भवन की चर्चा मे रतन शर्मा ने एक करोड़ सहयोग राशि देने की पेशकश की।जोरहाट में खांडल विप्र समाज की तरफ से आयोजित श्री परशुराम जन्मोत्सव के मौके पर एक क्षण ऐसा आया, जिसने समस्त विप्र समाज को उत्साह से लबरेज कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे चंद्रप्रकाश शर्मा ने अपने ओजस्वी संबोधन में समाज को स्पष्ट और सीधा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि समाज को संगठित होने और स्वयं को पहचानने की आवश्यकता है। शर्मा ने कहा कि "बाकी भले कुछ और हो, लेकिन सबसे पहले समाज के लिए एक ठौर हो"। उन्होंने कहा कि विप्र समाज के सामूहिक सहयोग से अपना एक भवन होना आज समय की मांग है। मारवाड़ी ठाकुरबाड़ी में समाज के विभिन्न घटकों की तरफ से बने प्रकल्पों का हवाला देते हुए शर्मा ने कहा कि आने वाली पीढियां जब हमसे पूछेगी, कि हमने उन्हें क्या दिया, तो सामने ऐसे उदाहरण रखने होंगें। ठाकुरबाड़ी परिसर में जगह भले अब शेष न रह गई हो, लेकिन समाज की संगठित शक्ति में कोई कमी नही है। अगर संकल्प लिया जाए तो जोरहाट में अन्यत्र समाज का एक विशाल भवन बन सकता है। इस मौके पर अहम घोषणा करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि अगर जोरहाट का विप्र समाज भवन के लिए जमीन तलाशता है तो समाजसेवी और विप्र गौरव रतन शर्मा की तरफ से अष्टलक्ष्मी परशुराम फाउंडेशन के मार्फत एक करोड़ रुपए की सहयोग राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि रतन शर्मा का यह बड़ा संदेश लेकर वे जोरहाट आए है और उन्हें उम्मीद है कि इसका असर धरातल पर नजर आएगा। अष्टलक्ष्मी परशुराम फाउंडेशन पूर्वोत्तर सहित आठों अष्टलक्ष्मी राज्यों के प्रमुख शहरों में विप्र समाज के भवन का सपना साकार करने के साथ ही अन्य स्थायी प्रकल्पों और सामाजिक गतिविधियों के क्षेत्र में भूमिका निभा रहा है। फाउंडेशन पूर्वोत्तर में कार्य कर रहे विप्र समाज के विभिन्न संगठनों के साथ समन्वय के जरिए समान उद्देश्यों पर कार्य करने की भूमिका में भी प्रस्तुत है। शर्मा ने कहा कि रतन शर्मा का मानना है कि पूर्वोत्तर के ब्राह्मणों के संसाधन और अर्थ के उपयोग में यहां के ब्राह्मण समाज के विकास को पहली वरीयता मिले। इसी के मद्देनजर अष्टलक्ष्मी परशुराम फाउंडेशन की स्थापना की गई है। शर्मा ने कहा कि अगली अक्षय तृतीया पर हम इस दिशा में बड़ा कदम बढ़ा पाएं तो वे मुहिम को सार्थक समझेंगे। शर्मा के संबोधन का असर दिखा और जोरहाट खांडल विप्र समाज के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल गोवला, वर्तमान अध्यक्ष गजानंद नवहाल आदि ने भी अपनी तरफ से सहयोग की पेशकश लगे हाथ कर दी। वहीं शर्मा ने खुद भी इसमें सहयोग देने की पेशकश की। शर्मा के संबोधन से निकली इस बात की चर्चा का सकारात्मक असर देखा जा रहा है और जोरहाट विप्र समाज के विभिन्न लोगों ने एक स्वर में इसका स्वागत किया है।

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